मौसम में उतार-चढ़ाव से बीमारियों की दस्तक
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: कभी बूंदाबांदी तो अंधड़ की वजह से मौसम का मिजाज एकबारगी बदल जाता है, ऐसे मे
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: कभी बूंदाबांदी तो अंधड़ की वजह से मौसम का मिजाज एकबारगी बदल जाता है, ऐसे में थोड़ी सी असावधानी बरती तो बीमारियों की गिरफ्त में आना तय है। जिला चिकित्सालय सहित अन्य प्राइवेट नर्सिंग होम में मौसम में बदलाव के बाद मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। बदलते मौसम में यदि खरबूजा व तरबूज खाने का शौक है तो संभलकर ठंडा कर खाएं अन्यथा डायरिया व वायरल फीवर की चपेट में आने की संभावना बढ़ जाएगी। हालांकि दूषित खानपान की वजह से डायरिया-बुखार व खांसी-जुखाम के मरीज आ रहे हैं। हालत यह है कि प्रत्येक ओपीडी में रोजाना एक सैकड़ा से अधिक तीमारदार अपने मरीजों को दिखाने के लिए लाइन लगाऐ रहते हैं। चिकित्सकीय टीम ने घरों के आस पास गंदगी न पनपने की हिदायत देकर खानपान पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। जिला चिकित्सालय के 118 बेड वाले पुरुष अस्पताल में डायरिया व वायरल फीवर के मरीजों से बिस्तर भरे पड़े हैं। अधिकतर मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित होकर भर्ती हैं जिनके शरीर में डायरिया होने की वजह से पानी की कमी हो गई जिस पर चिकित्सकीय टीम ग्लूकोज चढ़ाकर दस्त बंद होने के इंजेक्शन लगा रहे हैं। चिकित्सक फिजिशियन डा. आरएन गुप्ता का कहना था कि घरों के आस पास गंदगी बिल्कुल न पनपनें दे और सादा भोजन ही करें। तेल-मिर्च व खटाई के खानपान से बचें। गर्मी के मौसम में धूप से बचने के लिए इलेक्ट्रोल व शिकंजी पीकर ही घर से निकलें। खाली पेट कतई धूप में न निकलें। रात को मच्छरदानी लगाकर ही सोएं। कहा कि डायरिया के साथ वायरल फीवर के मरीज भी आ रहे हैं। कहा कि ठंडी व गर्म चीज खाने से जुखाम व खांसी के मरीज भी आ रहे हैं। कहा कि बदलते मौसम में खरबूजा व तरबूज बाजारों में खूब बिक रहे हैं यदि इन फलों के खाने का शौक हो तो बाजार से लाने के बाद रात भर फ्रिज में फल को रख लें फिर दूसरे दिन पानी से धोकर थोड़ा थोड़ी ही खाएं अन्यथा पेट दर्द के साथ उल्टी-दस्त की शिकायत आ सकती है। उधर बालरोग चिकित्सक डा. मूलचंद्र का कहना था कि चटक धूप में बच्चों को लेकर न घूमें। कहा कि बच्चों में डायरिया व वायरल बुखार की शिकायतें आ रही हैं इसलिए खानपान में ध्यान रखने की जरूरत है। घरों के आस पास पानी का जलभराव न होने दें अन्यथा मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाने से बीमारियां घर कर जाएंगी। मरीजों के तीमारदारों का कहना था कि अस्पताल में पेट फूलने पर गैस की दवा, कैल्शियम की दवा, बच्चों में दस्त का सीरप व खुजली का लोशन नहीं मिल रही है। हालांकि सीएमएस डा. एके मिश्र का कहना था कि दवाएं पर्याप्त हैं।
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चिकित्सकीय टीम की सलाह पर नजर
- घर से ¨शकजी पीकर अंगौछा बांधकर ही निकले
- पानी को उबालने के बाद ठंडा कर पिए
- रात को मच्छरदानी लगाकर ही सोएं
- बच्चों को साफ-सफाई के बीच ही रखें
- छोटे बच्चों को धूप में न निकलने से बचाएं
- गर्मी में हमेशा ताजा भोजन ही करें
- कटे फटे फलों का सेवन कतई न करें
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डायरिया पर प्राथमिक उपचार करें
ओआरएस का घोल व इलेक्ट्राल पीते रहें
तुरंत चिकित्सकीय टीम से जाकर मिलें
दही-केला का सेवन ही करें
कुछ सुधार होने पर दलिया खाएं
शरीर में पानी की कमी होने पर ग्लूकोज चढ़वाएं
अस्पताल या फिर घर में बेड रेस्ट करें