Move to Jagran APP

मां भागीरथी की गोद में झलकेगा वैभव

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : पुरातत्व के इतिहास को संजोने के लिए फतेहपुर फोरम द्वारा भिटोरा के ओम घाट

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)
मां भागीरथी की गोद में झलकेगा वैभव

फतेहपुर, जागरण संवाददाता : पुरातत्व के इतिहास को संजोने के लिए फतेहपुर फोरम द्वारा भिटोरा के ओम घाट में तैयार हो रहा संग्रहालय दोआबा की माटी के प्राचीन इतिहास का गवाह बनेगा। सूर्य पुत्र अश्विनी कुमार की नगरी असनी हो या फिर द्वापर युग के अवशेषों की कहानी लिए रेय व लदिगवां के अवशेष, दुर्लभ पांडुलिपियों के संग्रह से केवल जिले के ही नहीं प्रदेश के पुरातत्व के इतिहास को नई दिशा मिलेगी। पीढि़यों को भी अपने अतीत को जानने का मौका मिलेगा। ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत की धनी दोआबा की माटी कलात्मक वैभव से भरी पड़ी है। समय से साथ नष्ट होते जा रहे पुराने अवशेषों व अतीत का दर्शन कराने वाली दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण की पहल हो गई है। उत्तरवाहनी गंगा के ओम घाट में फतेहपुर फोरम के तत्वाधान में विशाल संग्रहालय तैयार हो रहा है। अनुवाक व अनुकाल जैसी पुरातत्व व इतिहास संकलन की पुस्तक लिख चुके जिले के मूर्धन्य साहित्यकार डा.ओपी अवस्थी के मार्गदर्शन पर संग्रहालय के लिए दुर्लभ अवशेषों का संग्रह शुरू हो गया है। संग्रहालय का ढांचा सिटी पैलेस जयपुर (राजस्थान) की पुरातत्वविद शेफालिका अवस्थी तैयार कर रही हैं। पुरातत्वविदों का मानना हैं दो हजार साल पहले की पांडुलिपियों जनपद में गुमनाम पड़ी हैं। इन पांडुलिपियों से जिले ही नहीं प्रदेश व देश के पुरातत्व के इतिहास को नई दिशा मिलेगी। अपनी विरासत को भूलती जा रही नई पीढ़ी को संग्रहालय से अतीत का वैभव मिलेगा, जो उनकी उम्मीदों को पंख लगाने का काम करेगा। सूर्य पुत्र अश्वनी कुमारों की नगरी असनी जिसे छोटी काशी का दर्जा मिल चुका है, प्राचीन मंदिरों के अवशेष, राजा रेवत की राजधानी रेंय, लदिगवां, तेंदुली व कोरारी के तेरहवीं शताब्दी के मंदिर, अश्वस्थामा की नगरी असोथर सहित दो दर्जन से अधिक स्थान ऐसे हैं जहां पाषाणकालीन अवशेष जमीदोज हैं। बीरबल का ननिहाल एकडला, लदगवां में हड़प्पा व मोहनजोदड़ों सभ्यता के अवशेष खोदाई में मिलते है। संयोजक श्री अवस्थी ने बताया कि इन नष्ट होते जा रहे अवशेषों के संग्रह के लिए 14 फरवरी को ओमघाट में बैठक आहुत की गई है। फतेहपुर फोरम के संयोजक स्वामी विज्ञानानंद ने बताया कि संग्रहालय प्रदेश स्तर का तैयार किया जाएगा। गंगा-यमुनी संस्कृति की विरासत को संजोने के इस प्रयास में जिले के हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.