शाम क्या दोपहर, जारी उमस का कहर
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: मंगलवार को भी मौसम के मिजाज में कोई खास तब्दीली नहीं आई। सुबह से चटख धूप न
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: मंगलवार को भी मौसम के मिजाज में कोई खास तब्दीली नहीं आई। सुबह से चटख धूप ने लोगों को बेहाल करना शुरू कर दिया। भीषण उमस से लोगों का जीना मुहाल हो गया। तापमान में बढ़ोतरी हुई और पारा 37 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। उमस भरी गर्मी से बच्चे बिलबिला उठे। मौसम में तल्खी का असर खेतों पर स्पष्ट देखने को मिल रहा है। खेतों में अपनी मेहनत की बानगी देखकर किसान को कलेजा ही फटा जा रहा है। मरता क्या न करता कुछ किसानों ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी और निजी नलकूपों से ¨सचाई कर अब तक धान की फसल को ¨जदा रखने की मशक्कत में जुटा हुआ है।
आषाढ़ माह गुजरने को मात्र दो दिन शेष हैं अभी काली घटा व झमाझम बारिश का सपना संजोए किसानों की मुराद पूरी नहीं हो सकी। एन केन प्रकारेण किसी तरह निजी नलकूपों या फिर नहरों व पोखरों से पानी का प्रबंध कर धान की रोपाई तो कर दी है, लेकिन बारिश न होने से अब यह फसल वेंटिलेटर पर पहुंच गई हैं। इस फसल को बचाना किसानों के लिए बड़ी चुनौती के रूप में हैं। हलांकि कुछ किसानों ने निजी नलकूपों से महंगी ¨सचाई कर कुछ दिन के लिए ही सही फसल को बचा लिया है। ज्यादातर किसान को आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। शायद भगवान इंद्र की कृपा दृष्टि हो जाए और उनकी सूख रही फसल को संजीवनी मिल जाए। मंगलवार को सुबह से उमस का पहरा होने से बच्चे, बूढ़े व महिलाएं सभी बेहाल दिखे। विशेषकर छोटे बच्चों का तो बुरा हाल देखा गया। भीषण उमस बिजली के नखरों ने आग में घी का काम किया। कई मुहल्लों में अघोषित बिजली कटौती की वजह से पेयजल संकट से भी लोगों को जूझना पड़ा। ऐसे में लोगों को पानी के लिए हैंडपंपों में लाइन लगानी पड़ी।
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ज्वार, बाजरा व तिल्ली की फसल पिछड़ी
धान की भरपाई करने के लिए किसानों ने ज्वार, बाजरा व तिल्ली की फसल की तरफ रुझान किया है। बिजली आपूर्ति का ढर्रा न बदलने से निजी नलकूप भी शोपीस बने हुए हैं। मौसम के दगा देने से इन फसलों की बुआई भी पिछड़ती जा रही है।
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धूप में छतरी का लिया सहारा
गंतव्य तक पहुंचने के लिए कामकाजी महिलाओं ने छतरी का सहारा लिया। भीषण उमस में राहगीर व मुसाफिरों का भी बुरा हाल देखने को मिला। रेलवे स्टेशन व बस स्टाप में पेयजल के लिए मुसाफिर भटकते रहे।