काम पूरा नहीं तो जारी होगी प्रतिकूल प्रविष्ट
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: दो साल से प्रिया साफ्ट में इंट्री न करने, इयरबुक में काम को प्रदर्शित न कर
फतेहपुर, जागरण संवाददाता: दो साल से प्रिया साफ्ट में इंट्री न करने, इयरबुक में काम को प्रदर्शित न करने वाले सचिवों के खिलाफ जिला पंचायत राज विभाग प्रतिकूल प्रविष्ट जारी करेगा। मंगलवार को डीपीएम की रिपोर्ट के बाद यह निर्णय जिला पंचायत राज अधिकारी ने लिया। विभाग के इस रुख से कर्मचारियों के बीच हडकंप मच गया। चूंकि वर्ष 2013-14 में तो कुछ चि¨हत ही कार्यवाही के दायरे में है। मगर वर्ष 2014-15 का हाल यह है कि सभी 13 ब्लाकों की स्थिति शून्य और ग्राम सभाओं में काम दस फीसदी ही पूरा है। क्षेत्र पंचायत हो या ग्राम पंचायत दोनो ही संस्थाओं द्वारा महीने में क्या काम किया गया और उस काम के लिए किस मद में कितना पैसा खर्च हुआ। इसका लेखा जोखा पूरे रिकार्ड के साथ संस्था को प्रियासाफ्ट में करना होता है। माह की फी¨डग करने के बाद मंथली बुक और साल में काम खत्म करने के बाद इयर बुक क्लोज करना होता है। फी¨डग से पाई पाई का हिसाब आन लाइन रहता है। कितने पैसे में नए खंडजा लगवाए गए। कितना पैसा कच्चे काम के या पुराने खंडजों की मरम्मत में खर्च हुआ। नियमत: जिस काम के लिए जो पैसा खर्च किया गया उसे बिल बाउचर सहित फीड किया जाना चाहिए। इसके उलट ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में काम मनमाने ढंग से होता है। जिसके बिल बाउचर महीनों बाद एकत्र होते है। जिससे फी¨डग में गड़बड़ी जो जाती है। आलम यहां तक होता है कि उन कामों के लिए फर्जी बाउचर लगाए जाते है जो हुए ही नहीं। इसी चक्कर में क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायतों में महीनों फी¨डग टली रहती है। जब विभाग को दबाव पड़ता है तो इसे पूरा किया जाता है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013-14 में कुछ तो 2014-15 में अनेक व 15-16 में सभी ग्राम पंचायतों की फी¨डग का काम बाकी है। यह रिपोर्ट डीपीएम रमाकांत ने करीब 452 खाते सीज होने के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी को सौपी है।
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क्या बोले जिम्मेदार..
वर्ष 2014-15 में दस फीसद ही फी¨डग हुई है। यह बेहद खराब स्थिति है। इसके लिए सभी पंचायत सचिवों को नोटिस जारी की जाएगी। काम में तेजी नहीं आती तो वेतन रोकने, और प्रतिकूल प्रविष्ट जारी करने की कार्यवाही की जाएगी। चूंकि बार बार निर्देश के बाद सचिव काम में तेजी नहीं दिखा रहे है।
नंदनी जैन, जिला पंचायत राज अधिकारी।