कोटे की दुकानों में पहुंचा बदरंग गेहूं
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : ओला व अतिवृष्टि से खराब हुए गेहूं की शासन ने मानक शिथिल कर खरीदारी कर जिल
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : ओला व अतिवृष्टि से खराब हुए गेहूं की शासन ने मानक शिथिल कर खरीदारी कर जिले में ही खपत करने की योजना तय कर ली है। कोटे की दुकानों में एपीएल, बीपीएल व अन्त्योदय में बारिश से खराब हुआ गेहूं की वितरण के लिए भेजा गया है। अगले तीन माह तक कार्ड धारकों को कोटे की दुकान से घटिया गेहूं की मिल पाएगा। कोटेदारों का कहना हैं कि गेहूं का रंग काला होने के साथ बोरी में मिट्टी मिली हुई है। अधिकारियों का मानना हैं कि भींगा गेहूं भंडारित किया गया तो तीन- चार माह में खाने लायक नहीं बचेगा। भारतीय खाद्य निगम की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने खरीदे गए गेहूं के खपत के बाद ही भंडारण से गेहूं आवंटित करने के निर्देश दिए है। सरकारी खरीद एजेंसियों का मानक विहीन गेहूं न लेने का विवाद अभी शांत नहीं हुआ कि कोटे की दुकानों में घटिया गेहूं पहुंचने का बवडंर खड़ा हो गया। एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) से जिले में हुई 1.45 लाख ¨क्वटल गेहूं का ही उठान किया जा रहा है। एपीएल, बीपीएल व अंत्योदय में प्रति माह तकरीबन 40 हजार ¨क्वटल गेहूं की उठान की जाती है। विभाग का मानना हैं कि तीन माह यही गेहूं कोटे में वितरण के लिए दिया जाएगा। बारिश के कारण गेहूं में सीलन अधिक है। मिट्टी मिली होने से गेहूं भंडारण के लिए अगर रख दिया जाएगा तो खराब होने की संभावना अधिक है। खाद्यान्न का नुकसान न हो इसके लिए इस साल की खरीद के गेहूं की खपत की जा रही है। उधर कोटेदार खराब गेहूं को लेकर परेशान हैं, कहते हैं कि कार्ड धारक घटिया गेहूं लेने से इंकार कर रहे हैं। जिला विपणन अधिकारी रवि गौतम ने कहा कि भेजा गया गेहूं खराब नहीं है। जिले के ही किसानों की पैदावार का गेंहू हैं।