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बिन बारिश सलेमाबाद गांव में हरियाली

पवन द्विवेदी, हुसेनगंज (फतेहपुर) : इसे कहते हैं हौसला, मानसूून की देरी की परवाह किए बिना सलेमाबाद

By Edited By: Published: Sat, 04 Jul 2015 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2015 01:04 AM (IST)
बिन बारिश सलेमाबाद गांव में हरियाली

पवन द्विवेदी, हुसेनगंज (फतेहपुर) : इसे कहते हैं हौसला, मानसूून की देरी की परवाह किए बिना सलेमाबाद के किसानों ने मेहनत व लगन से कामयाबी की जमीन तैयार कर ली है। गांव की सरहद से ही हरियाली दिखने लगती है। किसी खेत में सावन गीतों की स्वरलहरी के बीच धान की रोपाई हो रही है, तो किसी खेत में धान की नर्सरी से पौध निकाल कर रोपाई की तैयारी की जा रही है। नहर व निजी नलकूपों से खेत में पानी भर कर धान रोपाई का कार्य इसी सप्ताह में पूरा करने की तैयारी में हर किसान लगा हुआ है। अगेती धान से किसानों को भारी लाभ की उम्मीद हैं। कहते हैँ कि समय से रोपाई हो जाने से सूखा का असर भी कम रहेगा।

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रबी फसल में दैवीय आपदा से हुए भारी नुकसान से सलेमाबाद के किसान टूटे नहीं। मेहनत में भरोसा रख कर वह खरीफ फसल में पिछले नुकसान की भरपाई करने के लिए आच्छादन का क्षेत्रफल बढ़ा दिया। खास बात तो यह हैं कि जिले भर का किसान इस समय झमाझम बारिश के लिए आसमान की ओर निगाहें टिकाएं हुए है। खेत सूखे पड़े हैं, किसान किसी तरह से जुगाड़ कर धान की नर्सरी इस उम्मीद के साथ तैयार कर रहा हैं कि पंद्रह जुलाई तक बारिश होगी तो धान की रोपाई कर ली जाएगी। मानसून विभाग की कम बारिश की भविष्य वाणी से किसान धान की खेती से कतरा रहे हैं। सलेमाबाद में इससे इतर माहौल है, बिन बारिश ही पूरे गांव में हरियाली दिख रही है। एक हजार हेक्टेअर क्षेत्रफल में धान की रोपाई किसान कर चुके है। मौसम साथ देगा या नहीं इसकी परवाह किए बिना वह बच्चों व महिलाओं के साथ खेतों में हरियाली लाने में जुटे हुए हैं।

गांव के किसान राजेंद्र पटेल, अखिलेश, जयकरन आदि का कहना हैं कि धान की अगेती फसल तैयार करने से एक तो लागत कम आती है। दूसरा बाजार में दाम अच्छा मिल जाता है। समय से धान लग जाने से एक दो बारिश भी हो गई तो एक-दो पानी नहर व निजी नलकूप से लगाकर फसल तैयार कर लेंगे। किसानों ने बताया कि सभी लोग मिलजुल कर काम करते है। एक साथ धान की नर्सरी तैयार कर लिया अब उसी से दूसरे किसानों को पौध दी जा रही है। दूसरे गांव के किसान पौध लेने आते हैं, उन्हे यह कह दिया जाता है कि जब गांव की रोपाई पूरी हो जाएगी तभी दूसरे गांव को पौध देंगे। व्यवसायिक नजरिये से किसान शंकर धान व खाने के लिए बासमती, ¨सदूरी धान लगा रहे है।

'धान की रोपाई में सलेमाबाद जिले के लिए माडल गांव है। मेहनत व लगन से यहां के किसानों ने पूरी खेती में धान की रोपाई कर रहे है। अस्सी फीसद रोपाई कर ली गई है। कृषि विभाग से किसानों को अच्छी पैदावार की तकनीक भी बताई जाएगी।-रविकांत ¨सह, जिला कृषि अधिकारी।


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