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अकल से नकल रोकने में प्रशासन विफल

फतेहपुर : यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल का पैटर्न बदलने से सचल दल न तो नकल पकड़ पा रहे, और ना ही केन्द्र

By Edited By: Published: Mon, 02 Mar 2015 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 07:27 PM (IST)
अकल से नकल रोकने में प्रशासन विफल

फतेहपुर : यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल का पैटर्न बदलने से सचल दल न तो नकल पकड़ पा रहे, और ना ही केन्द्रों में नकल रुक पा रही है। अकल से नकल हो रही है। जिसे रोक पाने में प्रशासन विफल है। सोमवार को हाई स्कूल में सामाजिक विषय व इंटरमीटियट में समाज शास्त्र के प्रश्न पत्र में कमोवेश हर वित्त विहीन केन्द्र में नकल का बोल बोला रहा। कई केन्द्रों के हालत ऐसे रहे कि बाहर स्टेटिक मजिस्ट्रेट बैठे रहे और केन्द्र के अन्दर कक्षों में बोलकर नकल हुई।

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परीक्षा में नकल खोजने लिए जिला विद्यालय निरीक्षक मो रफीक, बीएसए ओपी त्रिपाठी, प्रिंसिपल राजकीय स्कूल व डायट का बैच इस केन्द्र से उस केन्द्र में नकल पकड़ के लिए फर्राटा दोनों पालियों में भरता है। परन्तु नकल खोजने में आशातीत सफलता किसी को नहीं मिली। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा संदेह वाले केन्द्रों में स्टेटिक मजिस्ट्रेट बैठा दिए गए है। उन केन्द्रों में नकल न हो यह जिम्मेदारी तैनात मजिस्ट्रेटों की है। फिलहाल ऐसे किसी केन्द्र से नकल की सूचना नहीं मिली है जिनमें नकल रोकने के लिए स्टेटिक मजिस्ट्रेट बैठाए गए है। उधर हाईस्कूल की परीक्षा में समाजिक प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय प्रश्नों को लेकर कई केन्द्रों तो प्रश्न पत्र ही सही उत्तर का टिक पर्चे पर ही लगवा दिया गया। गनीमत रहीं कि इन केन्द्रों में कोई सचल दल नहीं पहुंची। अन्यथा पूरा केन्द्र ही नप जाता है। चूंकि सही उत्तरों पर सभी बच्चे सही का निशान लगाए यह बात तो ठीक है। परन्तु एक केन्द्र के एक कक्ष के सभी बच्चों को बहुविकल्पीय के गलत उत्तर पर सही का निशान टिक करा दिया गया।

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34 केन्द्रों में परीक्षा, धड़ल्ले से नकल

फतेहपुर : विश्व विद्यालय की स्नातक परीक्षा सोमवार से प्रारम्भ हो गयी। पहले दिन परीक्षा केन्द्रों में धड़ल्ले से नकल हुई। यूनिवर्सिटी से कोई सचल दल जिले न पहुंचने से प्रबंधतंत्र के महाविद्यालयों में गाइड रख कर नकल का दौर चला। बीएसए प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष एवं तृतीय वर्ष की परीक्षा अलग अलग तीन पालियों में रही। महाविद्यालयों में परीक्षा को लेकर जमकर मनमानी दिखाई गयी। महाविद्यालय का गेट बंद कर परीक्षा की सुचिता के दावे तो बड़े बड़े किए गए। लेकिन महाविद्यालयों के अन्दर का नजारा नकल से सराबोर रहा। कई केन्द्रों में तो परीक्षार्थियों की जगह पर आउट साइडर को बैठाकर कापियां तक लिखी गयी। छात्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि परीक्षा में नकल सुविधा के लिए अलग अलग रेट पहले पेपर में ही बता दिए गए है। कुछ ने पैसा जमा किया कुछ ने एक दो बाद देने का बहाना कर टरका दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक मो रफीक ने बताया कि वह बोर्ड परीक्षा में लगे है। यूनिवर्सिटी की परीक्षा के लिए उनके पास कोई दिशा निर्देश नहीं आए है।


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