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सिंचाई प्रबंधन समितिया आधी अधूरी होने पर ली क्लास

फतेहपुर, जागरण संवाददाता: नहरों को दुरुस्त रखने एवं पानी के अपव्यय को रोकने के लिए शुक्रवार को सिंचा

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 06:52 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 06:52 PM (IST)
सिंचाई प्रबंधन समितिया आधी अधूरी होने पर ली क्लास

फतेहपुर, जागरण संवाददाता: नहरों को दुरुस्त रखने एवं पानी के अपव्यय को रोकने के लिए शुक्रवार को सिंचाई के अभियंताओं और कर्मियों के साथ विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें प्रबंधन समितियां आधी अधूरी होने पर कर्मियों की क्लास ली गई। एक्सईएन ने हिदायत दिया कि 31 दिसंबर तक हरहाल में कार्य पूरा हो जाए।

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सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मियों के साथ बैठक हुई। निचली गंगा एवं रामगंगा केनाल की 285 नहरों, माइनरों एवं रजबहा हैं। इन्हें दुरुस्त रखने के लिए प्रबंधन समितियां बन रही है। जिसमें निचली गंगा केनाल (एलजीसी) में 2725 एवं रामगंगा (सिंचाई खंड) में 2200 बनेगी। सूत्रों के मुताबिक तीन माह के अंतराल में एक चौथाई भी समितियां नहीं बन पाई है। एलजीसी के एक्सईएन कप्तान सिंह ने अधीनस्थ कर्मियों को 31 दिसंबर तक प्रबंधन समितियां दुरुस्त कर लेने के निर्देश दिए है। उन्होंने हिदायत दिया है कि कार्यो में लापरवाही की गई तो कर्मियों की खैर नहीं है।

क्या हैं प्रबंधन समितियां

- प्रबंधन समिति 7 सदस्यीय होगी। इसमें गांव का प्रधान समिति का अध्यक्ष एवं सचिव विभाग का कर्मी नामित होगा। शेष में कुलाबा क्षेत्र के किसानों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।

समिति का क्या है काम

- नहर पटरी काटने से रोकना

- बजट मिलने पर सिल्ट सफाई कराना

- किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराना

- सिंचाई की रिपोर्ट तैयार करवाना

- हर सप्ताह कार्यो की समीक्षा करना


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