13 लिपिकों ने उठाया शाखा प्रबंधक का वेतनमान
जयगोपाल शुक्ल, फतेहपुर : कोआपरेटिव बैंक में गोरखधंधे की पर्त दर पर्त खुलती जा रही है। यहां के 13 ऐस
जयगोपाल शुक्ल, फतेहपुर : कोआपरेटिव बैंक में गोरखधंधे की पर्त दर पर्त खुलती जा रही है। यहां के 13 ऐसे लिपिक रहे है जो कि बोर्ड को चकमा देकर 24 सालों से शाखा प्रबंधक वेतनमान उठाते रहे हैं। इसके 11 कर्मी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। इसका रहस्य उस समय खुला जब हाईकोर्ट से आदेश की कापी बैंक अधिकारियों के हाथ लग गई। मामले की जांच में डीआर (मंडलीय निबंधक सहकारिता) इलाहाबाद ने बैठा दी है।
बैंक के महाप्रबंधक डीके सिंह के मुताबिक वर्ष 1990 में 13 लिपिकों ने हाईकोर्ट में प्रमोशन का वाद किया था। इसमें कोर्ट ने स्टे लगा दिया था, लेकिन तत्कालीन बोर्ड ने इन सभी लिपिकों को शाखा प्रबंधक पद पर प्रमोशन करते हुए वेतनमान दे दिया था, लेकिन 21 सितंबर 2004 को बेंच ने अपील को ही सुनवाई के दौरान निरस्त कर दिया था। किंतु इन कर्मियों ने बेंच के निर्णय को छिपाए रखा। मौजूदा समय में शाखा प्रबंधक में भगवान दीन एवं चंद्रपाल ही कार्यरत हैं। शेष 11 सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
मामले का खुलासा होने से वरिष्ठ शाखा प्रबंधक का लाभ पा चुके बैंक कर्मियों में हड़कंप मचा है और वे बचाव में जुट गए हैं। बैंक के चेयरमैन ने उदय प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना ने गोलमाल करके शाखा प्रबंधक का प्रमोशन हासिल करने वाले सभी 13 लिपिकों के मामले की रिपोर्ट जांच की संस्तुति करते हुए डीआर इलाहाबाद को भेज दी है। इसमें डीआर ने जांच भी बैठा दी है। बताते है कि इसकी रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई तेज कर दी जाएगी।
15 लाख रुपये अधिक उठा चुके वेतन
- लिपिक से शाखा प्रबंधक का पद हासिल करने वाले 13 बैंक कर्मियों ने अनुमानत: 15 लाख से अधिक का बढ़ा वेतन उठा चुके हैं। बताते हैं कि जांच रिपोर्ट के बाद गलत तरीके से ली गई बैंक की रकम को वसूल भी किया जा सकता है। मामले पर बैंक के चेयरमैन का कहना था कि डीआर की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जो भी निर्देश मिलेंगे उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सीडीओ ने शुरू की जांच
- बैंक के दो उप महाप्रबंधक एसपी सिंह एवं धर्मेद्र सिंह को बोर्ड की संस्तुति के बजाय ज्वाइनिंग से बढ़ा वेतन की जांच शुरू कर दी है। इसकी शिकायत बोर्ड के संचालक जगदीश सिंह चौहान ने विगत दिनों डीएम राकेश कुमार से की थी। इसकी जांच सीडीओ को दे दी गई है।