न जवान न ट्रैफिक प्लान, सिर्फ जाम
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : जनपद की 27 लाख आबादी एवं डेढ़ लाख हल्के-भारी वाहनों के बीच सिर्फ 10 ट्रैफ
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : जनपद की 27 लाख आबादी एवं डेढ़ लाख हल्के-भारी वाहनों के बीच सिर्फ 10 ट्रैफिक जवान हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं जिससे मार्केट से लेकर चौराहे-चौराहों पर प्रतिदिन घंटों जाम की नौबत बनी रहती है। ट्रैफिक व्यवस्था के हालात सुधरने के बजाए बद से बदतर होती जा रही हैं। रामगंज पक्का तालाब में सड़कों पर ही प्राइवेट बसें व डग्गामार वाहन खड़े रहते हैं।
यातायात निदेशालय लखनऊ से ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर वर्ष 2012 व वर्ष 2014 में लाखों रुपए के (प्लास्टिक के ब्रेकर, कैट आई, लाइट, डेलीनेटर, स्टीकर, मोबाइल बैरियर, रिफलेक्टर, सेफ्टी ग्रीन व रेड टार्च आदि) सामान सड़कों पर चस्पा हुए लेकिन हल्के व भारी वाहनों की चकाचौंध में अधिक सामग्री सड़क से कब गायब हो गए, खुद यातायात विभाग के अधिकारी भी नहीं जान पाए। जिले में एक लाख के करीब बाइक हैं बाइकों के साथ बस, ट्रक, टेंपो, मैजिक, पिकअप, ट्रैक्टर, बोलेरो, कार, मार्शल, ट्रैक्टर आदि वाहनों के चालक रुल्स की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
प्रशासनिक बेरुखी के चलते वाहनों को खड़ा करने के लिए न तो स्टैंड हैं और न ही पार्किंग स्थल की जगह ही मुहैया कराई जा सकी है। भले की इसकी कार्रवाई विगत चार वर्षो से फाइलों में दौड़ रही हो। हालात यह हैं कि शहर क्षेत्र के रामगंज पक्का तालाब, देवीगंज, ज्वालागंज, शांतीनगर, वर्मा तिराहा, राधानगर, जयरामनगर, बाकरगंज, जिला चिकित्सालय के सामने आदि जगहों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। रामगंज पक्का तालाब व लखनऊ रोड पर प्राइवेट बसें व डग्गामार विक्रम सड़क पर ही खड़ी होती हैं।
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आटोमेटिक सिग्नल है नहीं
फतेहपुर : यातायात व्यवस्था सुदृढ़ बनाने को जिले में फिलहाल आटोमेटिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है और न ही ट्रैफिक जवान ही चौराहों पर खड़े मिलते हैं।
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'ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पार्किंग स्थल की जगह नगरपालिका नहीं मुहैया करा पा रहा है। उसके मुहैया होते ही हल्के व भारी वाहनों को खड़ा करने की दिक्कत खत्म हो जाएगी। फिर भी सीमित सिपाहियों के भरोसे ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने का भरसक प्रयास किया जा रहा है'।
अंजन कुमार सिंह, यातायात प्रभारी।
फोटो नंबर : 2
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* जिले की आबादी 27 लाख
* हल्के व भारी वाहन सवा लाख
* यातायात सिपाही सिर्फ 10
* होमगार्ड जवानों की तादाद 10
* पार्किंग की जगह नदारद
* संसाधन हैं न के बराबर