आश्वासन के बाद भी न तारें बदली न मशीनें
धाता, संवाद सूत्र : बिजली किल्लत से जूझ रहे धाता कस्बा समेत क्षेत्र के लोगों का गुस्सा एक बार फिर से
धाता, संवाद सूत्र : बिजली किल्लत से जूझ रहे धाता कस्बा समेत क्षेत्र के लोगों का गुस्सा एक बार फिर से सातवें आसमान में है। बीते माह बिजली के लिए पावर हाउस में धरना जमाए ग्रामीणों के सामने प्रशासनिक अधिकारियों ने शीघ्र ही व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया था। लेकिन उस पर काम न शुरू होने से किसानों का गुस्सा अधिकारियों के विरूद्ध बढ़ने लगा है।
धाता कस्बे समेत आस-पास के दर्जनों गांव में जर्जर तार व विद्युत संसाधनों की वजह से बमुश्किल दो घंटे बिजली मिल रही है। खेती, व्यवसायिक कार्य तथा घरेलू जरूरतों के लिए आवश्यक बिजली न मिलने से लोग अधिकारियों को कोस रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है बीते महीने धाता पावर हाउस में धरने के दौरान किसान नेता नरसिंह पटेल के सामने एसडीएम बलराम सिंह तथा अधीक्षण अभियंता ने वायदा किया था कि 45 दिनों के अंदर पावरहाउस की मशीनों को दुरूस्त कराने के साथ ही तारें बदली जाएंगी। किसानों का आरोप है, धरना समाप्त करने के लिए अधिकारियों ने किसानों को महज कोरा आश्वासन दिया था। धाता, जाम व सोनारी फीडर से जुडे़ किसानों का कहना है कि पावरहाउस से आपूर्ति शुरू होते ही तारें टूटना शुरू हो जाती हैं। सोनारी फीडर की जर्जर तारों को बदलने के लिए बीते एक सप्ताह पहले घटईपुर के पास विभागीय कर्मचारी एक बंडल कंडक्टर रख गए। जिसमे विभाग के ही कुछ लोग रोजाना थोड़ी-थोड़ी तार काटकर ले जा रहे हैं। सोनारी फीडर के राकेश सिंह, रोशन सिंह, संतलाल सिंह, रमाकांत सिंह, नागेन्द्र सिंह आदि किसानों का कहना है जेई कमल पांडेय को इस बारे में एक-दो बार फोन करके सूचना देनी चाही तो वह मोबाइल ही नही रिसीव करते हैं। इस बावत एसडीओ विद्युत आरबी मौर्या का कहना था मामले की जांच कराने के साथ ही इस बारे में जेई से वार्ता की जाएगी।