शिक्षकों के उबाल से बीएसए को मिल रही धार
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : बेसिक शिक्षा में विभाग व संगठन के बीच छिड़ी जंग में शिक्षकों के उबाल से बीएसए के अभियान को धार मिल रही है। शिक्षक नेता जिन मुद्दों को लेकर आर-पार की लड़ाई का एलान किया है वह खुद में इतने कमजोर है कि टेबिल टाक में वह कहीं टिकने वाले नहीं है। सालों पुराने मामलों पर शिक्षकों द्वारा की जा रही घेरेबंदी को प्रशासन भी कार्रवाई से बचाव एक तरीका मान रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग में इस समय ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। एक दर्जन शिक्षकों के निलंबन व दो सैकड़ा से अधिक शिक्षकों पर निरीक्षण में गैरहाजिर मिलने पर विभाग द्वारा की गई कार्रवाई को संगठन भले ही असंवैधानिक मान रहा हो, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी का दावा है कि नियमों के तहत की सब कार्रवाई की गई है। पिछले दिनों संगठन ने बैठक कर 22 सितंबर को स्कूलों में तालाबंदी का एलान कर प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है।
खजुहा ब्लाक भेवली लोहिया गांव में मंगलवार को डीएम को बेसिक शिक्षा की जो तस्वीर देखने को मिली वह शिक्षकों की लापरवाही का एक बड़ा नमूना है। डीएम ने गांव के प्राथमिक व जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक को निलबिंत करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए अभियान चला कर बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए। इस तस्वीर के बाद संगठन की बीएसए के खिलाफ मोर्चेबंदी और कमजोर हो गई। डीएम राकेश कुमार ने संगठन समस्याओं पर तो वार्ता कर सकता है, लेकिन इस तरह स्कूल में तालाबंदी का ऐलान गलत है। बीएसए ओपी त्रिपाठी ने कहा कि माह की 16 तारीख वार्ता के लिए तय की गई है। 16 को तहसील दिवस व 17 को विश्वकर्मा जंयती का अवकाश होने से वार्ता 18 सितबंर को होगी। शिक्षक समस्याओं के निस्तारण के लिए वह सदैव तैयार है। निरीक्षण के पीछे मकसद यह है कि शिक्षक समय से स्कूल पहुंचे व शैक्षिक स्तर में सुधार हो। शिक्षकों का उत्पीड़न करने का उद्देश्य नहीं है। उधर संगठन के अध्यक्ष विनोद कुमार व नाजिर हुसैन ने कहा कि बीएसए तुगलकी फरमार जारी कर शिक्षकों को जानबूझ कर परेशान कर रहे है।