प्रेरकों के दिन बहुरने के आसार, मांगी गई रिपोर्ट
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : दो साल से बिना मानदेय के काम कर रहे प्रेरकों की सरकार ने सुधि ले ली है। अब इनका लंबित मानदेय मिलने के आसार बढ़ गए हैं। शासन द्वारा मांगी गई रिपोर्ट को तैयार करने में जुटा हुआ है।
साक्षर भारत योजना के तहत गांवों में प्रौढ़ को साक्षर बनाने का काम कर रही है। हाल यह है कि दो साल से यह व्यवस्था बुरी दशा से गुजर रही है। प्रौढ़ शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोक शिक्षा केंद्रों में तैनाती पाए प्रेरक ताला लटका कर गायब रहते रहे हैं। हाल यह है कि विभाग को समूची जानकारी है लेकिन इसके बाद भी प्रेरकों पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। कक्षाएं चलनी तो दूर केंद्रों के ताले नहीं खुल पा रहे हैं। एक एक प्रेरक का 48 हजार रुपया बकाया है। इतनी बढ़ी राशि मिलने की उम्मीद से प्रेरकों को चेहरे की मुस्कान बढ़ गई है।
साक्षर भारत योजना के जिला समन्वयक डॉ. कुलदीप गंगवार कहते हैं कि शासन से रिपोर्ट मांगी गई है। मध्य सितंबर माह तक मिलने की उम्मीद है। धन आवंटन होते ही प्रेरकों को वितरित कर दी जाएगी। आशा है कि हर प्रेरक को सितंबर माह तक हरहाल में मानदेय दे दिया जाएगा।
अब बचे डेढ़ हजार प्रेरक
साक्षरता की दर को बढ़ाने के लिए लोक शिक्षा केंद्र खोले गए थे। जिले में 786 केंद्र खोले गए थे। जिनमें 12 केंद्र तो बंद चल रहे हैं। 774 केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसमें 1500 प्रेरक तैनाती पाए हैं। इन्हें प्रतिमाह 2000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने का प्रावधान है।
13 करोड़ रुपये का मांग पत्र तैयार
-जिले में प्रेरकों के मानदेय का बकाया है। शासन द्वारा मांगी गई रिपोर्ट में 13 करोड़ रुपए की मांग की गई है। साक्षरता कार्यालय में रिपोर्ट तैयार हो गई है।