सूखे ने पहुंचाई किसानों को चोट
- कृषि विभाग ने माना कि जिला पूरी तरह से सूखे की चपेट में आया
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : सूखे ने जिले के किसानों के हौसले तो तोड़ ही दिए है, आर्थिक रूप से पांच अरब से अधिक का नुकसान पहुंचा दिया है। जून व जुलाई माह में औसत बारिश का चालीस फीसद पानी न बरसने से खेती-किसानी चौपट हो गई है। एक पखवारे पहले की बारिश में आच्छादित की गई फसलों को जिंदा रखने का संकट मड़रा रहा है। चार दिन ऐसी धूप बनी रही तो खेत वीरान हो जाएंगे।
कमजोर मानसून की बात तो पहले से की जा रही है, लेकिन जिले में बारिश का रिकार्ड यह बता रहा है कि सूखा की भयावह स्थिति हो गई है। जून व जुलाई की 358 मिमी औसत बारिश के सापेक्ष अभी तक मात्र 143 मिमी बारिश हो पाई है। आषाढ़ व सावन जैसे बारिश के महीने सूखे निकल जाने से आगे की उम्मीदें भी धूमिल हो रही है। खरीफ में पौने दो लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल में धान सहित दलहनी व तिलहनी फसलों का आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था।
कृषि विभाग के आंकडों के अुनसार आच्छादन तो किसी तरह से सत्तर फीसद हो गया है, लेकिन लगातार एक पखवारे से बारिश न होने से फसलों को बचा पाना मुश्किल हो रहा है। जिला कृषि अधिकारी रविकांत सिंह ने बताया कि तेज धूप से नमी की कमी होती होती जा रही है। धान, अरहर, तिल की फसले मुरझाने लगी है। चार- पांच दिन यही स्थिति रही तो बोई गई फसल चौपट हो जाएगी। किसानों का मानना है कि समय से बारिश न होने से पांच अरब से अधिक की आर्थिक चोट हो गई है।
बाजरा की खेती पर जोर
फतेहपुर : मौसम की बेरूखी को देखते हुए कृषि विभाग बाजरा की खेती पर जोर दे रहा है। सरकारी बीज भंडारों में बाजरा के बीज की व्यवस्था कराई जा रही है। विभाग का यह मानना है कि बाजरा की फसल में पानी की आवश्यकता कम रहती है। विभाग ने बाजरा के आच्छादन के लक्ष्य को बढ़ाकर चार गुना किया जाए।
बारिश का रिकार्ड
माह - औसत - हुई बारिश
जून - 70 मिमी - 23 मिमी
जुलाई - 288 मिमी - 120 मिमी