चकबंदी के लिए गढ़ा गांव में हुई रायशुमारी
खागा, संवाद सहयोगी : विजयीपुर ब्लाक की गढ़ा ग्राम पंचायत में 27 वर्षो से लंबित चकबंदी प्रक्रिया में एक बार फिर से पेंच फंसा तो तहसील प्रशासन व चकबंदी विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे। हाल ही में न्यायालय के आदेश पर गढ़ा गांव की चकबंदी प्रक्रिया शुरू कराने की बात आई तो नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी, चकबंदी एसीओ महेन्द्र सिंह, डीडीसी, बंदोबस्त अधिकारी, लेखपाल आदि ने पहुंचकर ग्रामीणों से सभी का पक्ष जाना गया। नायब तहसीलदार के मुताबिक इस दौरान दो रजिस्टर बनाकर ग्रामीणों के हस्ताक्षर कराए गए। जिसके बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी गई है।
गढ़ा गांव पहुंचकर चकबंदी व तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों की रायशुमारी जानी। डेढ़ सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों के साथ बैठक करते हुए अधिकारियों ने चकबंदी कराने अथवा न कराए जाने को लेकर प्रतिक्रिया जानी। बैठक में 135 ग्रामीणों ने चकबंदी कराए जाने की बात कही, वहीं न कराए जाने के लिए 120 ग्रामीणों ने रजिस्टर में अपने हस्ताक्षर बनाए। चकबंदी न कराए जाने के पीछे ग्रामीणों का तर्क था कि ट्यूबवेल, कोठरी व मकान आदि मुफीद जमीन का स्थानान्तरण हो जाएगा जिसमे उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पब्लिक हियरिंग में चकबंदी कराने को लेकर ग्रामीणों ने अधिक वरीयता दी। अधिकारियों ने उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के मुताबिक कार्यवाही की बात कही है। इस दौरान सूर्यभान त्रिपाठी, वेदब्रत त्रिपाठी, ओमप्रकाश उपाध्याय, छविलाल निर्मल, शिवकुमार त्रिपाठी, कमलेश कुमार, संतोष त्रिपाठी, महेश तिवारी, ननकू तिवारी, राजेश तिवारी आदि डेढ़ सैकड़ा ग्रामीण रहे।