धनाभाव से जूझ रही ससुरखदेरी
फतेहपुर, जागरण संवाददाता : जिले में निष्प्राण हो चुकी ससुरखदेरी नदी की खोदाई अब धनाभाव से जूझ रही है। जिला प्रशासन ने खोदाई कराके नदी का जिंदा तो कर दिया है। लेकिन बीते 8 माह से स्वीकृत धन नहीं मिल पा रहा है। इससे नदी की खोदाई का कार्य उलझा है। सूत्रों के मुताबिक डीएम राकेश कुमार ने शासन को पत्र लिखकर आंवटित धन अवमुक्त कराये जाने की मांग की है, जिससे अधूरे कार्य को पूरा कराया जा सके।
नदी की खोदाई तत्कालीन डीएम कंचन वर्मा ने सिठौरा गांव के पास से शुरू कराया था। 37 किमी खोदाई होनी है। इसकी सेमरी गांव तक खोदाई होनी। नदी का कई जगह सुंदरीकरण भी होना है। कुछ स्थानों पर घाट भी बनाए जाने है। इस कार्य साढे 12 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। एक वर्ष से नदी की खोदाई 25 किमी ही हो पाई थी। अभी 12 किमी की खोदाई बाकी। अभी तक साढे 3 करोड़ रुपये ही मिले थे जिसमें नदी की खोदाई की गई, लेकिन घाट अभी तक विकसित नहीं हुआ है। नदी की खोदाई का कार्य इसी जुलाई माह के अंत तक पूरा होना था, लेकिन धनाभाव की वजह से कार्य अटक गया। वैसे मनरेगा से भी नदी की खोदाई का कार्य कराया गया है।
मामले पर एडीएम रामचंद्र का कहना था कि ससुरखदेरी नदी की खोदाई का कार्य शुरू करा दिया गया है। डीएम ने शासन को पत्र भेजा है जिसमें नदी की खोदाई के लिए शेष धनराशि अवमुक्त किए जाने की मांग की है।
शीघ्र धन मिलने की उम्मीद
- नदी की खोदाई का जिम्मा संभालने सिंचाई विभाग के एक्सईएन कप्तान सिंह का कहना था कि फिलहाल 3 लाख रुपए से खोदी गई नदी के क्षति ग्रस्त भाग को दुरुस्त कराया जायेगा।
300 गांवों की फसलें लहलहाएगी
-ससुरखदेरी नदी की खोदाई से 300 गांवों की फसलें लहलहाएगी। ग्रामीणों नदी खोदाई का कार्य कब पूरा होगा। किसानों को उम्मीद लगी है कि नदी से अपने फसल की खुदाई कब होगी।
सिठौरा झील का होगा सुंदरीकरण
- ससुरखदेरी नदी की खोदाई में सिठौरा झील का भी सुंदरीकरण होगा। इसकी कार्ययोजना भी तय की गई है। इसमें 2 करोड़ रुपए खर्च होंगे।