चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नलकूपों की सेहत से कर रहे खिलवाड़
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : राजकीय नलकूप विभाग के वर्कशाप में छह पदों के सापेक्ष किसी
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : राजकीय नलकूप विभाग के वर्कशाप में छह पदों के सापेक्ष किसी भी मैकेनिक की वर्षों से तैनाती ही नहीं है। इससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पंपों की मरम्मत कर नलकूपों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। हालात यह है कि काम ठीक न होने या काम में देरी होने पर अधिकारी भी उन पर सख्ती से कतराते हैं।
किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। राजकीय नलकूप लगाने से लेकर उसकी मरम्मत पर भी प्रति वर्ष करोड़ों का खर्च आता है। नलकूप विभाग में नजर डालें, तो अनियमितताएं ही सामने आती हैं। हालात यह हैं कि नलकूपों की पंप में खराबी आने पर उसे विभाग के ही वर्कशाप में ठीक कराया जाता है। वर्कशाप में किसी मैकेनिक की तैनाती ही नहीं है। अब पंप में चाहे फि¨टग, टर्निंग का काम हो या बाइं¨डग का। हकीकत यह है कि यह सभी काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे हैं। वर्कशाप प्रभारी राजेंद्र पाल का कहना है कि वह चार साल से यहां तैनात हैं। इससे पहले से ही वर्कशाप में छह पदों के सापेक्ष किसी मैकेनिक की तैनाती नहीं है। इससे चतुर्थश्रेणी कर्मचारी ही नलकूपों की पंप की मरम्मत का कार्य करते हैं। काम में देरी होने पर उन्हें अधिकारियों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है। हालात यह हैं कि पंप बनने में देरी या गुणवत्ता में कमी रह जाने पर वह किसी से कुछ कह भी नहीं सकते। क्यों कि यह जिम्मेदारी मैकेनिक की होती है, जिसकी वर्कशाप में तैनाती ही नहीं है। छह चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों से मरम्मत का काम चलाया जा रहा है। अधिशासी अभियंता रणधीर ¨सह से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।