अपराधों के खुलासे में तकनीक के उपयोग की सलाह
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : उच्च न्यायालय द्वारा पारित विभन्न निर्देशों का पालन कराने के लिए पुल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : उच्च न्यायालय द्वारा पारित विभन्न निर्देशों का पालन कराने के लिए पुलिस लाइन सभागार में रविवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने महिला उत्पीड़न व संगीन अपराधों के खुलासे में वैज्ञानिक संसाधनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने सलाह दी। इससे टिकाऊ साक्ष्य एकत्रित कर अपराधी को सजा दिलाए जाने में पुलिस को काफी सहयोग मिलेगा।
पुलिस लाइन सभागार में आयोजित हुई कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सुभाष ¨सह बघेल ने सभी क्षेत्राधिकारी,थानाध्यक्ष, दारोगा व सिपाहियों को बताया कि महिलाओं से संबंधित होने वाले अपराधों में विवेचक 164 के बयान दर्ज कराने में देरी करता है तो वह व्यक्तिगत जिम्मेदार होगा। अपर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय ने महिलाओं से संबंधित व अन्य गंभीर अपराधों में निर्देश दिए हैं कि विवेचना के दौरान तकनीकी एवं वैज्ञानिक संसाधनों का अधिक इस्तेमाल करें। इससे अपराधियों के खिलाफ सबूत मजबूत होंगे। जिससे न्यायालय में आरोपियों को सजा दिलाने में सहयोग मिलेगा। इस दौरान अभियोजन अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने बताया कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पीड़िता मेडिकल परीक्षण में विलंब न किया जाए। अधिकतर घटनाओं में पुलिस पीड़िता का विभिन्न खामियों के चलते कई दिनों बाद मेडिकल परीक्षण करा पाती है, जिससे साक्ष्य कमजोर हो जाता है। एएसपी ने कहा कि विवेचक मुकदमों में विवेचना के दौरान मजबूत साक्ष्य जुटाने पर ध्यान दें। शासन व न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेशों का भी ध्यान रखें तो कभी समस्याएं उत्पन्न नहीं होंगी। इस दौरान अभियोजन अधिकारी सीएल भारती व सभी क्षेत्राधिकारी मौजूद रहे।