फोटो) योगीराज में बंट रहे अखिलेश के बर्तन
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को बर्तन व
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को बर्तन वितरित करने का निर्णय सपा सरकार में हुआ था। चुनाव से चंद माह पहले लिए गए इस निर्णय के जरिये एक बड़े वोट बैंक को साधने की चाहत थी। अब विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। इस चाहत का जो नतीजा हुआ वह किसी से छिपा नहीं। सपा सरकार की योजनाओं की चाल का अंदाजा इस बात से जरूर लगाया जा सकता है कि अखिलेश के ठप्पे वाले बर्तन अब योगीराज में वितरित किए जा रहे हैं।
विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को एमडीएम वितरित किया जाता है। अधिकतर बच्चे एमडीएम के लिए अपने घरों से बर्तन लेकर स्कूलों का रुख करते थे। वर्ष 2012 में सत्ता संभालने वाले सपाइयों को अगले चार साल तक बर्तन घर से लाने वाले विद्यार्थी नहीं दिखे, लेकिन चुनावी आहट पर वर्ष 2016 के अंतिम माह में इसको लेकर निर्णय हुआ। तय हुआ कि बच्चों को एक-एक थाली और गिलास वितरित किए जाएंगे। चुनाव की आचार संहिता लागू होने पर बर्तन वितरण पर रोक लग गयी। 11 मार्च को आए अभूतपूर्व नतीजों में सपा को करारी शिकस्त मिली। अब आदित्यनाथ योगी मुख्यमंत्री हैं और उनके ही राज में अखिलेश के ठप्पे वाले बर्तन बच्चों को वितरित करने का कार्य शुरू हो गया है।
1.16 करोड़ के हैं बर्तन
जनपद में एक लाख 3 हजार बर्तन वितरित करने के लिए आए थे। इन बर्तनों में एक-एक गिलास और थाली थी। एक करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक के यह बर्तन जनवरी में ही वितरित होने थे। कुछ गलती आपूर्तिकर्ताओं की भी रही, जिन्होंने बर्तनों को समय से पहुंचाया ही नहीं। नगर क्षेत्र में बर्तनों का वितरण हो गया था, अब ग्रामीण क्षेत्र में स्थित विद्यालयों में बर्तन वितरण शुरू हुआ है।
जांची गई थी गुणवत्ता
इन बर्तनों की गुणवत्ता भी जांची गई थी। गुणवत्ता की जांच के लिए कुल 21,600 रुपये उपलब्ध थे। हालांकि यह धन कुल खर्च एक करोड़ 16 लाख रुपये में ही शामिल है।
जिम्मेदार कहते हैं
मध्याह्न भोजन योजना के जिले के प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी बेगीश गोयल ने बताया कि विद्यालयों को थाली गिलास प्राप्त कराने के आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से 18 मार्च को ही जारी कर दिए गए थे। वितरण की प्रगति रिपोर्ट मांगी गयी है।