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ट्रायल में ही फी¨डग प्रोग्राम की 'तेरहवीं'

- बमुश्किल 50 फीसद गर्भवती महिलाएं आईं - डीएम-सीडीओ के गोद लिये गांवों में जारी प्रयोग फर्रुखाबा

By Edited By: Published: Wed, 25 May 2016 06:48 PM (IST)Updated: Wed, 25 May 2016 06:48 PM (IST)
ट्रायल में ही फी¨डग प्रोग्राम की 'तेरहवीं'

- बमुश्किल 50 फीसद गर्भवती महिलाएं आईं

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- डीएम-सीडीओ के गोद लिये गांवों में जारी प्रयोग

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : शासन की ओर से डीएम व सीडीओ के गोद लिये गांवों में गर्भवती महिलाओं व 5 वर्ष तक के कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्मागर्म भोजन दिये जाने का दो सप्ताह का फी¨डग ट्रायल किये जाने के निर्देश दिये गये थे। इसके लिये प्रति ब्लाक 9 हजार रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया। बजट आने में देरी के चलते 13 दिन ही योजना चली। पोषण मिशन के अंतर्गत जिलाधिकारी ने ब्लाक कायमगंज का ब्राहीमपुर जागीर व मोहम्मदाबाद का पट्टीखुर्द और मुख्य विकास अधिकारी ने ब्लाक बढ़पुर का देवरामपुर व राजेपुर का इमादपुर सोमवंशी गोद लिया था। इन्ही चार ग्रामों में गर्भवती महिलओं व अति कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाकर गर्मा-गर्म पौष्टिक भोजन देने का प्रयोग किया गया।

डीएम के गोद लिये गांव पट्टीखुर्द में 23 कुपोषित बच्चे व 5 गर्भवती महिलायें पंजीकृत हैं। संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी नीलम कुशवाहा की ओर से जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजी गयी रिपोर्ट में 13 दिनों के भीतर कुल 299 डाइट के सापेक्ष कुल 96 डाइट दिया जाना ही दर्शाया गया है। अधिकांश दिनों में तो दो-चार बच्चों की ही उपस्थिति दर्शायी गयी है। सभी दिनों में गर्भवती महिलाओं की उपस्थिति शतप्रतिशत दिखायी गयी है, जबकि सीडीपीओ के नोट के अनुसार महिलाएं खाना खाने को तैयार नहीं हैं, घर पर भी खाना लेने को राजी नहीं हैं। नगद धनराशि की मांग की जा रही है। डीएम के ही गोद लिये गांव ब्राहीमपुर जागीर में 30 कुपोषित बच्चे व 13 गर्भवती महिलाएं पंजीकृत दर्शायी गयी हैं। इस केंद्र पर बच्चों की उपस्थिति तो अपेक्षाकृतरूप से बेहतर रही, जबकि महिलाओं की औसत उपस्थिति 8-9 ही रही।

मुख्य विकास अधिकारी के गोद लिये गांव इमादपुर सोमवंशी में 15 कुपोषित बच्चे ही दर्ज हैं। इस केंद्र पर एक भी गर्भवती महिला पंजीकृत नहीं है। बच्चों की औसत उपस्थिति 12-13 दिखायी गयी। वहीं दूसरे गांव देवरामपुर में 23 कुपोषित बच्चे व 8 गर्भवती महिलायें पंजीकृत थीं। केंद्र पर बच्चों की औसत उपस्थिति 21 दिखायी गयी है, जबकि गर्भवती महिलाओं की मौजूदगी करीब 50 फीसद रही।

जिला कार्यक्रम अधिकारी भारत प्रसाद ने बताया कि 13 दिन चले फी¨डग ट्रायल की रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है। कार्यक्रम को आगे संचालित करने के बारे में अभी कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं।


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