मौत के 11 साल बाद जिंदा
जहानगंज(फर्रुखाबाद), संवाद सूत्र : गोंडा में कार्यरत रेलवे कर्मी 21 वर्ष पूर्व लापता हो गया था। न्या
जहानगंज(फर्रुखाबाद), संवाद सूत्र : गोंडा में कार्यरत रेलवे कर्मी 21 वर्ष पूर्व लापता हो गया था। न्यायालय केंद्रीय प्राधिकरण लखनऊ से 11 वर्ष पूर्व प्रज्यूम डेड घोषित होने के बाद पुत्र को मृतक आश्रित में नौकरी एवं पत्नी को पेंशन मिलने लगी। लापता रेलवे कर्मी अचानक अपने पैत्रक आवास जहानगंज थाने के गांव नगला खुरू पहुंच गया। सूचना पर पुत्र व पत्नी आये और थाने में सूचना दी गयी।
थाना क्षेत्र के गांव नगला खुरू निवासी 77 वर्षीय गजराज ¨सह करीब 21 वर्ष से लापता थे। पुत्र सतेंद्र ने बताया कि पिता गोंडा में रेलवे में डीजल मैन के पद पर कार्यरत थे और वहीं रहते थे। पांच पुत्रियों व दो पुत्रों के साथ मां विद्यादेवी गांव में रहती थीं। वह उस समय दस वर्ष व छोटा भाई विवेक साढ़े तीन वर्ष का था। बीमारी से छोटे भाई की मौत हो गयी। उसके सदमे में पिता का मानसिक संतुलन बिगड़ गया तथा 30 अगस्त 1994 से वह लापता हो गये। इसकी सूचना पुलिस में दर्ज कराई, लेकिन कोई पता नहीं चल सका।
सतेंद्र ने बताया कि 27 सितंबर 2004 को केंद्रीय प्राधिकरण लखनऊ से पिता को प्रज्यूम डेड घोषित कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 2007 से उसे मृत आश्रित में नौकरी मिल गई तथा मां को पेंशन मिलने लगी। उनका परिवार कानपुर में रहता है और वह गोंडा में नौकरी करते हैं। मंगलवार को पिता अचानक गांव पहुंचे तो लोगों ने उन्हें पहचान लिया और उन्हें सूचना दी। बुधवार को वह मां के साथ गांव आये तथा पिता के मिलने की सूचना थाने जाकर पुलिस को दी। गजराज ने परिजनों को बताया कि एक माह से उनकी मानसिक स्थिति में कुछ सुधार हुआ। मंगलवार को किसी ट्रेन से वह फर्रुखाबाद स्टेशन पहुंचे। वहां से पांचाल घाट पहुंच गए। इसके बाद किसी तरह भटकते हुए अपने गांव के पास पहुंच गए। वहां गांव के लोगों ने उन्हें पहचान लिया। लेकिन बातचीत से पता चलता है कि गजराज की मानसिक स्थिति अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं है।
थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि परिवार के लोग गजराज को थाने लाये थे। उन्हें गोंडा रेलवे को गजराज के जीवित होने की सूचना देने को कहा गया है। थाने से भी सूचना भेजी जाएगी।