मानसून के रूठने से सूखे की आशंका
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : जुलाई में औसतन 239.90 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिये, लेकिन 29 जुलाई तक जन
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : जुलाई में औसतन 239.90 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिये, लेकिन 29 जुलाई तक जनपद में केवल 146.27 मिमी ही वर्षा रिकार्ड की गयी है। जून में भी औसत से आधी ही वर्षा हुई। बूंदाबांदी को छोड़ दें तो विगत 14 जुलाई से अब तक ढंग से बारिश नहीं हुई है। मानसून रूठ सा गया है। कृषि विभाग के अधिकारी सूखे की आशंका से अभी से हलकान हैं।
इस बार जून के आखिरी में बारिश शुरू हुई, लेकिन औसत से काफी कम रही। जनपद में जून में 65.2 मिमी वर्षा का औसत है। इसके सापेक्ष जून में केवल 25.4 मिमी वर्षा ही रिकार्ड की गयी। मानसून विलंब से आने से जुलाई में भरपूर वर्षा की उम्मीद थी, लेकिन आकाश में रोज बादल उमड़ते हैं और बिन बरसे ही चले जाते हैं। किसान बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाये हैं। खेतों में खड़ी मक्का की फसल सूखने लगी है। जिन किसानों के पास ¨सचाई के निजी संसाधन हैं, वह किसी तरह खेतों की प्यास बुझा रहे हैं। उपनिदेशक कृषि एके ¨सह बताते हैं कि मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी व दक्षिण-पूर्वी मानसून सक्रिय है। यूपी के आसपास के प्रदेशों में वर्षा हो रही है। बारिश की उम्मीद अभी बाकी है, लेकिन हालात यही रहे तो सूखा की स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि खरीफ की लगभग 80 प्रतिशत बुआई पूरी हो चुकी है, लेकिन अ¨सचित क्षेत्र में मक्का की फसल सूखने लगी है। ज्वार व तिल की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
जिला कृषि अधिकारी एके सचान ने बताया कि मौसम विभाग की ओर से जून में जारी एडवाइजरी के आधार पर शुरू से ही कम बारिश की आशंका थी। इसी क्रम में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सूखा व बाढ़ से निबटने के लिये हुई तैयारी बैठक में लिये गये निर्णय के आधार पर किसानों को कम पानी की आवश्यकता वाले ज्वार व बाजरा के बीज अनुदान पर उपलब्ध कराये गये थे। यदि एक सप्ताह में पर्याप्त वर्षा होती है तो मक्का के उत्पादन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि खरीफ की फसल के लिये निजी व सहकारी क्षेत्र में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। अधिशासी अभियंता ¨सचाई एमएम ¨सह ने बताया कि नहरों में पानी चल रहा है। इसके चलते नहरों से ¨सचित क्षेत्र में फसलों के लिये पानी उपलब्ध है। वर्षा न होने से किसान नहरों से ¨सचाई कर रहे हैं।