गंगा प्रदूषण रोकने को एसटीपी लगाने की कवायद
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : छपाई कारखानों का प्रदूषित एवं केमिकल युक्त पानी गंगा में जाने से रोकने
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : छपाई कारखानों का प्रदूषित एवं केमिकल युक्त पानी गंगा में जाने से रोकने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के प्रस्ताव पर उद्यमियों द्वारा 25 प्रतिशत अंशदान देने में असमर्थता व्यक्त किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने एसटीपी लगवाने की कवायद शुरू कर दी है।
कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को हुई उद्योग बंधु बैठक में जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने कहा कि लखनऊ में इस संबंध में हुई बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट को भेजा गया था। फर्रुखाबाद में सीवरेज योजना व गंगा को प्रदूषित करने वाले छह नालों को डायवर्ट कर एसटीपी लगाए जाने की योजना है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। शीघ्र ही प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। बैठक में शामिल वस्त्र छपाई कुटीर उद्योग सेवा संस्थान के प्रतिनिधियों ने इस पर प्रसन्नता जताई। अध्यक्ष चंद्रपाल वर्मा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली के उप निदेशक 14 मई को आये थे। उन्होंने प्लांट के लिए 170 करोड़ रुपये खर्च होना बताया था। इसमें 42.50 करोड़ का अंशदान शहर के उद्यमियों को देना था। हर उद्यमी पर 40 लाख रुपये व्यय भार आएगा। उद्यमियों ने स्पष्ट कर दिया कि इतनी अधिक धनराशि हम लोग वहन नहीं कर सकते। सरकार स्वयं प्लांट लगाए। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने परियोजना प्रबंधक गंगा एक्शन प्लान को भी पत्र लिखा था कि छोटे उद्यमियों द्वारा इतना अधिक व्यय करने में असमर्थता व्यक्त की जा रही है। इसलिए संयुक्त ट्रीटमेंट प्लांट लगाना जनहित में आवश्यक होगा। बैठक में यदुनंदनलाल गोस्वामी, दीपक साध, चंद्रशेखर वर्मा, राजेश बाथम व दीपक अग्निहोत्री आदि मौजूद रहे।