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अलम जुलूस में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मोहल्ला चिलपुरा से निकले रवायती अलम जुलूस में शहर की गंगा-जमुनी तहजीब

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 08:56 PM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 08:56 PM (IST)
अलम जुलूस में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : मोहल्ला चिलपुरा से निकले रवायती अलम जुलूस में शहर की गंगा-जमुनी तहजीब का नजार दिखा। मुख्य मार्ग व विभिन्न मोहल्लों में गश्त के बाद जुलूस दिलावरजंग में समाप्त हुआ। अस्तबल तराई से निकले दूसरे अलम जुलूस ने भी शहर में गश्त किया।

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¨हदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक पारंपरिक अलम जुलूस शुक्रवार को मोहल्ला चिलपुरा से शुरू हुआ। बड़ा खेल, तकिया नसरत शाह, कटरा बख्शी, बजरिया, शेख इनायत अली, तिकोना चौकी, पक्का पुल, चौक, घुमना, सुतहट्टी, साहब गंज, नाला मच्छरट्टा, गुदड़ी होता हुआ दिलावर जंग पर समाप्त हुआ। सूफ पप्पन मियां ने बताया कि लगभग 250 साल पुराने पारंपरिक अलम को ¨हदू व मुसलमान मिलकर उठाते हैं। इस बार अजय श्रीवास्तव, जगदीश वर्मा, मदनलाल, सोनू वर्मा, जावेद हुसैन, सलीम, आमिर हुसैन आदि ने अलम उठाया।

अस्तबल तराई से निकले जुलूस में छोटे-छोटे बच्चे भी अलम हाथों मे लेकर शामिल हुए। अलम का जगह-जगह लोगों ने स्वागत किया व फातिहा दिलाई गयी। भीकमपुरा, शमशेरखानी, खटकपुरा, मनिहारी, नखास आदि से गश्त करते हुए जुलूस बड़े पीर साहब की दरगाह पहुंचा। इस अवसर पर लंगर व तबर्रुक तकसीम किया गया गया।


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