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ताड़का वध होते ही जय श्रीराम के जयकारे गूंजे

By Edited By: Published: Tue, 23 Sep 2014 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 23 Sep 2014 08:22 PM (IST)
ताड़का वध होते ही जय श्रीराम के जयकारे गूंजे

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : श्री रामलीला मंडल के कलाकारों ने लीला क्षेत्र रामबाग में मंगलवार को ताड़का वध व अहिल्या उद्धार की लीलाओं का मंचन किया। ताड़का वध होते ही दर्शकों ने भगवान श्रीराम के जयकारे लगाये।

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लीला में मुनि विश्वामित्र राक्षसों के संहार व यज्ञ की रक्षा के लिए राजा दशरथ के दरबार में जाकर राम व लक्ष्मण की याचना करते हैं। महर्षि वशिष्ठ के समझाने पर राजा दशरथ राम व लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेज देते हैं। रास्ते में राक्षसनी ताड़का उन्हें जब घेर लेती हैं तब मुनि विश्वामित्र के निर्देश पर प्रभु राम ताड़का का वध कर देते हैं। ताड़का वध होते ही लीला स्थल पर भगवान राम के जयकारे गूंज उठे। ताड़का वध की खबर पर उसका भाई सुबाहु युद्ध करने आता है, राम उसका भी वध कर देते हैं। प्रभु राम श्राप वश पत्थर की शिला बनी गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का भी मुनि विश्वामित्र के कहने पर उद्धार कर देते हैं। गंगाराम वर्मा, विनोद गुप्ता आदि ने व्यवस्था में सहयोग दिया।

श्री भारतीय रामलीला कमेटी के तत्वावधान में भगवान शंकर की बरात संकिसा रोड से निकाली गई। बैंडबाजों के साथ भगवान गणेश, मां दुर्गा, विष्णु भगवान व सिर पर मां गंगा व गले में सापों को डाले भगवान शंकर की झांकी ने मंत्रमुग्ध कर दिया। नागरिकों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर आरती उतारी। पवन दुबे, अक्षय दुबे ने स्वरूपों का पूजन कर प्रसाद वितरण किया। रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राकेश गुप्ता, राजीव गुप्ता, प्रदीप सक्सेना, परमानंद वर्मा, सुशील गुप्ता आदि मौजूद रहे।

शमसाबाद संवाद सूत्र के अनुसार रामलीला मैदान में राम जन्म की लीला का मंचन किया गया। अध्यक्ष देवेंद्र यादव, शशांक रस्तोगी आदि मौजूद रहे।


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