कटरी तौफीक में 10 मकान और बहे
शमसाबाद, अंप्र : कटरी तौफीक में कटान होने से गंगा में 10 मकान और बह गए। इससे भयभीत ग्रामीण अपने मकान स्वयं तोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं।
गांव कटरी तौफीक के प्रकाश चंद्र, रेनेंद्र, हंसराम, रामगुलाम, अमृत, अनिल कुमार, सीपी सिंह, वीपी सिंह, शेर सिंह, सरला देवी पत्नी नानक चंद्र के मकान गंगा में बह गए। बचे हुए मकान भी ग्रामीण तोड़ने में लगे हैं। लेखपाल ने बताया कि कटे व तोड़े गए 56 मकानों की सूची तहसील भेजी जा रही हैं। पैलानी चितार गांव में कटान हो रहा है। ढाईघाट सड़क पर भी कटान हो रहा है। इससे जमुनियन नगला, वाजिदपुर गांव को खतरा और बढ़ गया है। बाढ़ का पानी घरों में घुस जाने से भकुसा निवासी रामपाल व रामवती, कमलेश व नूरजहां परिवार के साथ मंडी समिति में बने शरणालय में चार दिनों से डेरा जमाए हैं। रामपाल, कमलेश ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है।
मिनी सचिवालय बचाने को लगी परकोपाइन डूब गई
कमालगंज : भोजपुर गांव में मिनी सचिवालय को बचाने को लगाई गई परकोपाइन पानी में डूब गई तथा गांव के पास कटान शुरू हो गया। नथुआपुर कटरी में बना पूर्व माध्यमिक विद्यालय पानी से घिर जाने से अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय में भेजना बंद कर दिया। धारा नगला गांव में बाढ़ के पानी से कई मकान घिर गए। हैंडपंप पानी में डूब गए। घरों के अंदर पानी न घुसे इसके लिए ग्रामीण बांध बना रहे हैं। वहीं जजाली नगला गांव के पास पानी पहुंच गया है। इससे खेतों में खड़ी फसल डूब गई है। चाचूपुर गांव में जाने वाले सभी रास्तों में पानी भर गया। कई परिवारों ने बागों में मोमिया तानकर गुजारा करना शुरू कर दिया। ग्रामीण रामलड़ैते, राकेश, समरपाल, देशराज, रमेश ने बताया कि गांव से बाहर आने के लिये कमर तक पानी से होकर गुजरना पड़ता है। प्रशासन ने नाव की व्यवस्था नहीं कराई है और न ही कोई अधिकारी हम लोगों को देखने तक नहीं आया। धारा नगला में भी बाढ़ के पानी से लोग परेशान हैं।
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