Move to Jagran APP

नरमी के बावजूद सरयू लाल निशान से 95 सेमी ऊपर

अयोध्या/ फैजाबाद : शुक्रवार को सायं सरयू का जलस्तर लाल निशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचने

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Aug 2017 11:30 PM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2017 11:30 PM (IST)
नरमी के बावजूद सरयू लाल निशान से 95 सेमी ऊपर
नरमी के बावजूद सरयू लाल निशान से 95 सेमी ऊपर

अयोध्या/ फैजाबाद : शुक्रवार को सायं सरयू का जलस्तर लाल निशान से 99 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचने के साथ स्थिर हो गया और शनिवार को पूर्वाह्न से जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से कमी भी दर्ज होने लगी। अपराह्न दो बजे तक जलस्तर चार सेंटीमीटर नीचे आ गया। इसके बावजूद अभी भी सरयू लाल निशान से 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। तटवर्ती इलाकों में अभी भी बाढ़ से जुड़ी दिक्कतें बरकरार हैं। बाढ़ग्रस्त गांव के लोग तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। उफनाती सरयू के बदले रुख से बाढ़ग्रस्त लोगों में भविष्य के प्रति उम्मीद पैदा हुई है।

loksabha election banner

विशेषज्ञों के अनुसार सरयू का यदि यह रुख कायम रहा, तो अगले चार-पांच दिनों में तटवर्ती इलाके राहत की सांस ले सकेंगे। फिलहाल, परिक्रमा मार्ग के कई स्थानों पर अभी भी सरयू का पानी बह रहा है। रामघाट स्थित नारायणधाम, फटिक शिला आश्रम और आस-पास की कालोनी बाढ़ से घिरी हुई है। रुदौली से महबूबगंज तक जिला का करीब 80 किलोमीटर लंबा सरयू का तटवर्ती इलाका बाढ़ से कराह रहा है। करीब दर्जन भर गांव और हजारों एकड़ कृषि भूमि बाढ़ग्रस्त हैं।बाढ़ग्रस्त अधिकांश गांव के लोग तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं। जिन गांवों में इक्का-दुक्का परिवार बचे हुए हैं, वे बाढ़ की भीषण चुनौती से मुकाबिल हैं। बाढ़ से घिरे गुप्तारघाट पर बुधवार शाम से ही आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। सरयू का पानी परिक्रमा मार्ग पर भी बह रहा है। सरयू की मुख्य धारा से लगे नयाघाट से लक्ष्मणकिला के बीच के परिक्रमा मार्ग पर भी आवागमन निषिद्ध कर दिया गया है। निर्मलीकुंड और मीरनघाट के पास भी सरयू का पानी परिक्रमा मार्ग पर लहरा रहा है और प्रशासन ने इन स्थलों पर भी आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। रामघाट हाल्ट रेलवे स्टेशन शुक्रवार को भी बाढ़ से घिरा रहा। रुदौली तहसील के ग्राम मंहगूपुरवा, कैथी, कैथी मांझा सहित आस-पास के कई अन्य गांव बाढ़ से तबाह हैं। मुसीबत से घिरे ग्रामीणों क सामने तटबंध पर शरण लेने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। जान बचाने के प्रयास में उन्हें घर के साथ गृहस्थी से भी हाथ धोना पड़ रहा है और मौजूदा चुनौती के साथ उन्हें भविष्य की ¨चता भी खाए जा रही है।

बाढ़ पीड़ितों की दशा दयनीय पूराबाजार: मांझा मूड़ाडीहा स्थित बाढ़ राहत शिविर में शरण लिए हुए मांझा पिपरी संग्राम के बाढ़ पीड़ितों की हालत दयनीय है। सब कुछ बाढ़ में गंवा चुके बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से राहत के नाम पर अभी तक पॉलीथिन ही मिल सकी है। इन पीड़ितों की खेती-बारी बाढ़ में समा चुकी है। कुछ लोग गाय-भैंस पाल कर दूध बेंचने का काम कर रहे थे पर चारा की कमी से उनका धंधा ठप पड़ चुका है। शनिवार को अमित ¨सह पुच्चर बाढ़ पीड़ितों को सहायता देने बाढ़ राहत शिविर पहुंचे। पुच्चर बाढ़ पीड़ित दुखहरन निषाद का हाल जान इतने द्रवित हुए कि उन्होंने दुखहरन को अनाज-बर्तन आदि देने के साथ उनकी 15 वर्षीय मूकबधिर बेटी को नया वस्त्र भी प्रदान किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.