चुनावी फलक पर उभरा रुदौली वापसी का मुद्दा
रुदौली (फैजाबाद) : लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ने के साथ ही रुदौली की बाराबंकी में वापसी का मुद्दा भी चुनावी फलक पर पूरी तरह से उभर चुका है। सपा मुखिया पर वादा खिलाफी का आरोप लगाकर यहां के लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। लोकसभा के संभावित प्रत्याशियों की तरह ही रुदौली वापसी संघर्ष समिति के पदाधिकारी भी पूरी तरह से इस मुद्दे को लेकर चुनाव में उतर चुके हैं। दावेदार जहां अपनी होर्डिग्स लगाकर चुनावी माहौली बना रहे हैं, वहीं संघर्ष समिति के पदाधिकारी इस मुद्दे को जनता के बीच प्रसारित व प्रचारित कर सपा मुखिया को वादा याद दिलाने का कार्य कर रहे हैं। सपा सरकार बनने के बाद से ही इस मुद्दे को हवा मिलने लगी थी। अब लोकसभा का चुनाव नजदीक आते ही समाजवादी पार्टी को उसका वादा याद दिलाया जा रहा है। रुदौली वापसी का यह मुद्दा दो लोकसभा सीटों बाराबंकी व फैजाबाद के परिणाम पर भी असर डाल सकता है। रुदौली से लेकर बाराबंकी तक यह मुद्दा गर्म हो चुका है। इस मुद्दे के चलते सपा के प्रति दोनों जिलों में नाराजगी व्याप्त है। बताते चलें कि फैजाबाद लोकसभा के अंतर्गत रुदौली के साथ ही बाराबंकी जिले की दरियाबाद विधानसभा भी आती है। इतना ही नहीं बाराबंकी के अधिवक्ताओं द्वारा अभी हाल ही में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र भेजकर चुनाव के पहले रुदौली की वापसी न होने पर लोस चुनाव में सपा के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी गई है। सियासी फुटबाल बनी रुदौली सपा व बसपा की राजनीति में पिस रही है। सपा मुखिया मुलायम सिंह ने रुदौली में विधानसभा चुनाव के दौरान रुदौली वापसी का आश्वासन यहां के लोगों को दिया था। वहीं क्रांति रथ लेकर यहां आए अखिलेश यादव ने जिले जैसी सुविधाएं रुदौली को देने की बात कही थी। दोनों वादे पूरे नहीं हो सके। इसके पीछे रुदौली में सपा प्रत्याशी रुश्दी मियां की हार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। रुदौली में सपा की हार पर खुद सपा सुप्रीमो नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। रुदौली के पूर्व विधायक रामदेव आचार्य बताते हैं कि वादा खिलाफी का परिणाम सपा को भुगतना पड़ेगा। मवई के प्रधान सरफराज खां का कहना है कि रुदौली की 95 प्रतिशत जनता बाराबंकी में रहना चाहती है। रुदौली में सपा की हार बहुत ही कम मतों से हुई। सपा को साठ हजार से अधिक वोट देने वालों के साथ यह नाइंसाफी है। यहां के कफील खां रुदौली वापसी में पूर्व विधायक रुश्दी मियां को रोड़ा बता रहे हैं।
होर्डिग्स बनी चर्चा का विषय
रुदौली वापसी संघर्ष समिति के द्वारा रुदौली व बाराबंकी में होर्डिग्स लगाकर सपा मुखिया को उनका वादा याद दिलाया जा रहा है। लोस चुनाव की तैयारियों में राजनैतिक दलों की होर्डिग्स लगी है। उन्हीं होर्डिग्स के बीच लगी रुदौली वापसी संघर्ष समिति की होर्डिग्स चर्चा का विषय बनी है। खासकर यह होर्डिग्स सपा की होर्डिग्स के आसपास ही लगाई गई हैं। संघर्ष समिति के अध्यक्ष चौधरी शहरयार बताते हैं कि रुदौली को बाराबंकी में वापस न करने तक यह संघर्ष अनवरत जारी रहेगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारी प्रचार की तरह गांव गांव में यह मुद्दा उठाकर सपा के खिलाफ जनमत तैयार करेंगे।
कब क्या हुआ
18 सिंतबर 1997 को सबसे पहले बसपा सरकार ने रुदौली को फैजाबाद में शामिल किया। सपा सरकार ने 24 फरवरी 2004 को रुदौली को बाराबंकी में वापस कर दिया। सत्ता में वापस आते ही बसपा ने 31 अक्टूबर 2007 को फिर से फैजाबाद जिले में शामिल कर दिया।