वतन से मुहब्बत नहीं तो मुस्लिम नहीं : शमीम
फैजाबाद : जिसके अंदर वतन की मुहब्बत नहीं, वह मुस्लिम नहीं हो सकता। यह दावा किया, शहर अद
फैजाबाद : जिसके अंदर वतन की मुहब्बत नहीं, वह मुस्लिम नहीं हो सकता। यह दावा किया, शहर अदीब एवं अधिवक्ता सैय्यद शमीम हैदर ने। वे वरिष्ठ सपा नेता हसन इकबाल के खवासपुरा स्थित आवास पर मीडिया से मुखातिब थे। वे तलाक और मदरसों की देशभक्ति पर सवाल उठाए जाने के मसले पर मुस्लिम समुदाय की ओर से राय व्यक्त करने के लिए प्रस्तुत हुए। उन्होंने तीन तलाक को प्रतिबंधित करने संबंधी प्रयास को राजनीतिक शिगूफा एवं मुस्लिमों को अपमानित करने की साजिश बताया।
शहर अदीब ने कहा, जिस तीन तलाक की प्रथा को लेकर आसमान सिर पर उठाने का नाटक रचा जा रहा है। इस्लाम में उसका प्रावधान मात्र वैकल्पिक है और यह कोई स्थाई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा, सरकार को यदि महिलाओं की इतनी ही ¨चता है तो रेप की घटनाओं पर रोक लगाने का ठोस उपाय करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में शहर अदीब ने कहा, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी राजनीतिक ठिकाना तलाश रहे हैं और इस कोशिश में वे मदरसों की देशभक्ति पर सवाल उठाने तक से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि मदरसे देशभक्ति की मिसाल रहे हैं। मौलाना मो. बाकर, मौलाना अली जौहर, अबुल कलाम आजाद, नूरुल हसन जैसे देशभक्ति के पर्याय किरदार मदरसों की ही उपज रहे हैं। यहां तक कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्रप्रसाद को भी मदरसा के ही शिक्षक ने प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा दी थी। शहर अदीब ने दावा किया कि मदरसों का माहौल बड़ा पवित्र होता है और वहां आचरण की शुद्धता सिखाई जाती है। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के प्रयोग लिए शासकीय अनुमति लिए जाने के फैसले को स्वागतयोग्य बताया पर इस फैसले के राजनीतिकरण से बचने की भी सलाह दी।
इस मौके पर इमाम ए जुमा मौलाना जाफर रजा, मिर्जा सादिक हुसैन, सपा के प्रदेश सचिव मो. हलीम पप्पू, वरिष्ठ सपा नेता जाकिर हुसैन पाशा, हसन इकबाल, जमीर अहमद, जियो हैदर, जुर्रियत अब्बास, मोजिज जैदी, नजमी जैदी, अतहर मेंहदी, कमर अब्बास, हामिद हसन, अली मिर्जा, एहत्साम रिजवी, रमीश जाफरी, नफीस मिर्जा आदि मौजूद रहे।