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एक भी मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट नहीं मिला

फैजाबाद : दवा की दुकानों पर एक भी फार्मासिस्ट ड्रग इंस्पेक्टर पीसी रस्तोगी को नहीं मिला। शहर की तीन

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Jul 2017 11:43 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jul 2017 11:43 PM (IST)
एक भी मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट नहीं मिला
एक भी मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट नहीं मिला

फैजाबाद : दवा की दुकानों पर एक भी फार्मासिस्ट ड्रग इंस्पेक्टर पीसी रस्तोगी को नहीं मिला। शहर की तीन दुकानों का उन्होंने निरीक्षण किया है। निरीक्षण में फार्मासिस्ट न मिलने से नाराज ड्रग इंस्पेक्टर ने दवा की खरीद/ बिक्री पर रोक लगा दी है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि निरीक्षण के दौरान दर्द निवारक दवा के दो सैंपल अग्रवाल मेडिकल स्टोर, देवकाली रोड से लिये गये। जिले में करीब 850 के आसपास फुटकर दवा की दुकाने हैं। इन सभी पर लिखा पढ़ी में तो फार्मासिस्ट हैं लेकिन मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर को नहीं मिलते। ड्रग इंस्पेक्टर के पहुंचने पर कभी बताया जाता है कि फार्मासिस्ट बाजार गया है तो कभी पानी पीने के लिए बाहर जाने की बात दवा व्यवसाई बताते हैं। इस बार भी यही हुआ, ड्रग इंस्पेक्टर के पहुंचने पर। फार्मासिस्ट के बारे में बताया कि निजी कार्य से अभी दुकान से निकला है। ड्रग इंस्पेक्टर प्रभावी कार्रवाई के बजाय निरीक्षण रिपोर्ट औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी को सौंपता है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि तीनों दवा दुकानों के निरीक्षण के दौरान फार्मासिस्ट न मिलने पर दवा की खरीद व बिक्री अग्रिम आदेश तक प्रतिबंधित कर दी गई है। वह निरीक्षण रिपोर्ट औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी पीके तिवारी को सौंपेंगे। वही फार्मासिस्ट न मिलने वाली दुकानों को नोटिस जारी करेंगे। जवाब से संतुष्ट न होने पर लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई भी वही करेंगे। सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार नहीं जब निरीक्षण के दौरान फार्मासिस्ट नहीं मिले। इससे पहले भी निरीक्षण में अधिकतर मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट नहीं मिलते। दवा दुकानों में फार्मासिस्टों की अनिवार्यता के लिए ऑनलाइन रिनीवल / लाइसेंस के लिए फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर व आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। यह इसलिए किया गया कि जिससे लाइसेंस बनवाने व रिनीवल में फार्मासिस्टों के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जा सके। फार्मासिस्ट अब कई दुकानों पर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर देकर रिनीवल व लाइसेंस नहीं बनवा सकेंगे। फर्मासिस्टों का पंजीकरण नंबर दूसरी बार मिलने पर कंप्यूटर तत्काल पकड़ लेगा। इससे फार्मासिस्ट के नाम पर किए जा रहे फर्जीवाड़ा पर आसानी से अंकुश लग सकेगा।


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