समय पूर्व केंद्र छोड़ कर चले गए विवि के पर्यवेक्षक
फैजाबाद: अवध विश्वविद्यालय व साकेत महाविद्यालय के बीच टकराव भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन अभी दोनों
फैजाबाद: अवध विश्वविद्यालय व साकेत महाविद्यालय के बीच टकराव भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन अभी दोनों संस्थाओं के आपसी रिश्ते पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाये हैं। नजीर के तौर पर जिन पर्यवेक्षकों को विवि ने साकेत में शुक्रवार की परीक्षा संपन्न कराने के लिए भेजा, वह घंटे भर बाद ही केंद्र छोड़ कर चले गए। इसमें विवि के चीफ प्रॉक्टर प्रो.आरएन राय के अलावा दो और प्रोफेसर व अन्य शिक्षक शामिल रहे। पर्यवेक्षक क्यों वापस चले गए? यह सवाल बना हुआ है। इसको लेकर चर्चा भी गर्म है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से तैनात किए गए दो मजिस्ट्रेट पूरी परीक्षा के दौरान केंद्र पर रहे।
बीते बुधवार को कालेज का निरीक्षण करने पहुंचे वीसी प्रो.जीसीआर जायसवाल पर अशिष्ट भाषा के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए शिक्षकों व कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर विवि प्रशासन ने कालेज प्रशासन पर वीसी समेत उड़ाका दल को बंधक बनाने व हमला कराने का आरोप लगाते हुए कालेज का केंद्र निरस्त कर दिया। प्राथमिकी तक दर्ज कराने का निर्णय लिया गया। इसी को लेकर बीते गुरुवार को पहली पाली की परीक्षा के बाद छात्र आंदोलित हो गए और दिनभर कालेज परिसर के बाहर मुख्य मार्ग पर धरना-प्रदर्शन चलता रहा। साथ ही छात्र-छात्राओं ने दूसरी पाली की परीक्षा का बहिष्कार तक कर डाला। परीक्षा बहिष्कार को लेकर विवि मे हड़कंप मचा रहा। बाद में जिला प्रशासन की मध्यस्थता के बाद विवि प्रशासन ने साकेत केंद्र को इस शर्त पर बहाल किया गया कि आगे की परीक्षा के दौरान विवि के दो पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। साथ ही जिला प्रशासन की ओर से दो मजिस्ट्रेट की भी तैनाती कर दी गई। शुक्रवार को सुबह पाली की परीक्षा शुरू होने के पहले विवि के दो के बजाए चार शिक्षक पहुंचे लेकिन वे बमुश्किल एक घंटे के बाद ही केंद्र से वापस चले गए। दूसरी पाली की परीक्षा के दौरान विवि के पर्यवेक्षक कालेज पहुंचे ही नहीं। पहली पाली की परीक्षा सुबह आठ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक तथा दूसरी पाली की परीक्षा दो से पांच बजे तक संपन्न होती है। पर्यवेक्षकों के समय के पहले वापस जाने को लेकर छात्रनेता सूर्यभान आजाद कहते हैं कि जब विवि ने उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी तो उन्हें केंद्र पर रहना चाहिए ताकि वे कालेज की परीक्षा प्रणाली के विषय में जान पाते। इस पर कालेज प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। वहीं एक पर्यवेक्षक भी बोलने से बचते रहे।