जीवन को सफल बनाने के लिए भगवद् भक्ति जरूरी : दिनेशाचार्य
फैजाबाद : दशरथ वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास दिनेशाचार्य महराज
फैजाबाद : दशरथ वाटिका में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास दिनेशाचार्य महराज ने कहा कि भागवत कथा सुनने से ही पापों का नाश हो जाता है। कथा को सुनने के लिए मन में भगवान के प्रति सच्ची भक्ति एवं श्रद्धा होना आवश्यक है।
कहा, जब हम भक्ति भाव एवं समर्पण भाव कार्य से करते हैं, तो भगवान प्रसन्न होते हैं। सिर्फ पूजा करने एवं कथा के दौरान बैठे रहने से जीवन सफल नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जीवन को सफल बनाना है, तो भगवद् भक्ति जरूरी है। कहा, कथा सुनने से परीक्षित महाराज को मोक्ष प्राप्ति हुई। कहा, भगवान सिर्फ भाव देखते हैं और जहां भक्ति भाव होती है, वहां भगवान होते हैं। कथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन के व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर आत्म कल्याण करें। कहा, कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के चक्कर में पड़ जाता है, इसीलिए मनुष्य को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए।