दर्शननगर हॉस्पिटल निर्माण कार्य को लेकर बढ़ी रार
फैजाबाद : दर्शन नगर स्थित संयुक्त चिकित्सालय के निर्माण कार्य में विलंब को लेकर कार्यदायी संस्था रा
फैजाबाद : दर्शन नगर स्थित संयुक्त चिकित्सालय के निर्माण कार्य में विलंब को लेकर कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के बीच रार बढ़ती जा रही है। बि¨ल्डग निर्माण को लेकर उठाए गए 27 ¨बदुओं के सवाल का जवाब कार्यदायी संस्था ने नहीं दिया है। पुनरीक्षित आगणन का सवा पांच करोड़ देने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा न करने का आरोप मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कार्यदायी संस्था पर लगाया है। वहीं कार्यदायी संस्था के परियोजना प्रबंधक डीपी ¨सह 31 मार्च तक हॉस्पिटल के वार्ड ब्लॉक समेत अन्य निर्माण कार्य हैंडओवर करने का दावा कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके मिश्र का कहना है कि सवा पांच करोड़ देने के बाद कार्यदायी संस्था ने चार महीने पहले सितंबर में भवन हैंडओवर करने का आश्वासन दिया था। एक महीने बाद 2016-17 वित्तीय वर्ष भी पूरा हो जाएगा। कार्य पूरा होने के आसार नहीं दिखते। अभी हॉस्पिटल की सड़कें तक नहीं बनी हैं। कभी भी आकर देखा जा सकता है। नव निर्मित आवासों की हालत खराब है। निर्मित आवासों में आगणन के अनुसार कार्यदायी संस्था ने कार्य नहीं किया है। कुछ आवासों को सौंपने की सूची दी है। विभागीय सत्यापन के बाद जिलाधिकारी से तकनीकी समिति गठित कराकर ही हैंडओवर लेंगे। वहीं कार्यदायी संस्था ने पलटवार करते हुए कहा कि अभी चिकित्सालय में निर्माण कार्य जारी है। पूरी बि¨ल्डग सौंपने के बाद ही सड़क निर्माण समेत अन्य सवाल उठाने चाहिए। हॉस्पिटल सूत्रों का कहना है कि पेयजल आपूर्ति के लिए बने टैंक से लगी पाइप अक्सर फट जाती है। इमरजेंसी ब्लॉक के प्रथम व द्वितीय तल का रैंप से नहीं जोड़ा गया। इमरजेंसी ब्लॉक के लिफ्ट छोटी होने से मरीजों का एकतल से दूसरे तल ले जाना मुश्किल है। हॉस्पिटल की बि¨ल्डग में वाटर हार्वे¨स्टग तक की व्यवस्था नहीं की गई है।
ब्योरा मांगने पर दिखाया अंगूठा
सीएमएस व कार्यदायी संस्था के बीच आई रिश्तों में खटास की एक बड़ी वजह हॉस्पिटल प्रबंधन की तरफ से निर्माण कार्यों को लेकर उठाए गए सवाल की अनदेखी भी है। रिश्ते इतने बिगड़ गए कि सीएमएस ने परियोजना प्रबंधक से निर्माण कार्य का ब्योरा मांगा तो महाप्रबंधक आरके जैन भड़क गए। सीएमएस को कड़ा पत्र भेज निर्माण कार्य के बारे में मांगे गए ब्योरा को अंगूठा दिखा दिया। कहा कि राजकीय निर्माण निगम में स्टेजरी आडिट, इंटरनल आडिट एवं सीएजी आडिट की व्यवस्था है। निर्माण का ब्योरा देने का प्रावधान नहीं।