धर्म एवं पत्रकारिता के बीच संबंध शाश्वत
अयोध्या: धर्म एवं पत्रकारिता के बीच संबंध शाश्वत रहा है। नारद से लेकर कबीर तक धर्म के उच्चतम प्रतीक
अयोध्या: धर्म एवं पत्रकारिता के बीच संबंध शाश्वत रहा है। नारद से लेकर कबीर तक धर्म के उच्चतम प्रतीक होने के साथ पत्रकारिता के अग्रदूत हैं। आज के दौर में धर्म की रक्षा का सर्वाधिक दायित्व पत्रकारिता पर है पर शर्त है कि पत्रकार धर्म के उच्च मानदंडों के अनुरूप आचरण वाला हो। यह उद्गार हैं, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के। वे ¨हदी पत्रकारिता दिवस पर अयोध्या प्रेस क्लब की ओर से मणिरामदास जी की छावनी के तुलसीदास योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी में विचार कर रहे थे। गोष्ठी का विषय था, धर्म एवं पत्रकारिता। उन्होंने कहा कि आज का युग पत्रकारिता का है और पत्रकार को चाहिए कि वह पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से अपने दायित्व का निर्वहन करे। इस दौर उन्होंने पत्रकार केके मिश्र, डॉ. उपेंद्रमणि त्रिपाठी एवं लेखिका अंजू ¨सह को सम्मानित किया। ..तो कार्यक्रम के आयोजक अयोध्या प्रेस क्लब के अध्यक्ष महेंद्र त्रिपाठी एवं जामवंत किला के महंत अवधरामदास ने महंत नरेंद्र गिरि एवं मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास को अंगवस्त्र एवं हनुमानगढ़ी का चित्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान महेंद्र त्रिपाठी, स्वामी हरिदयाल, रामजन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास, पत्रकार केके शुक्ल, अनूपकुमार, प्रमोदकुमार, शिवकुमार मिश्र, एसएन बागी आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिशंकर सफरीवाला ने की। इस मौके पर हनुमानगढ़ी से जुड़े संत श्रीपतिदास, निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्री महंत धर्मदास आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।