खाते बंद, विकास अटका
फैजाबाद : प्रधानी संभाले पांच माह हो चुके हैं, ग्राम पंचायतों के खाते अभी खुल नहीं सके। नतीजा विकास
फैजाबाद : प्रधानी संभाले पांच माह हो चुके हैं, ग्राम पंचायतों के खाते अभी खुल नहीं सके। नतीजा विकास कार्य अटका गया है। यह मामला जिले के प्रभारी मंत्री गायत्री प्रजापति (खनन) के सामने जिला योजना की बैठक में उठाया गया था। मंत्री ने जिलाधिकारी को बैंक खाते खोलने का निर्देश भी दिया। डेढ़ माह बाद भी स्थित जस की तस है।
ग्राम पंचायतों के बैंक खातों के बंद होने की कई अहम वजह बतायी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में कई पूर्व प्रधानों ने अभी तक कार्यभार नहीं सौंपा, न ही उपभोग प्रमाण पत्र दिया है। इसके बिना 13वें वित्त का धन विकास कार्यों में खर्च नही हो सकता। 2016-17 के लिए नया नियम आया है। यह धन 14वें वित्त का है। धन खर्च करने की गाइड लाइन है। गाइड लाइन में तमाम बंदिशें हैं। उसके चलते धन व्यय करना आसान नहीं। ग्राम पंचायत में विकास कार्य के लिए पहले कार्य योजना देनी होगी। कार्य योजना की मंजूरी के बाद धन खर्च होगा। इसके बाद ही खाते से धन निकाला जा सकेगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने इसी व्यवस्था के तहत खातों का संचालन रोक दिया। ये खाते कुछ दिनों के लिए धन निकासी के लिए खोले गये थे, लेकिन जिलाधिकारी ¨कजल ¨सह ने 14 वें वित्त की नयी व्यवस्था आने पर फिर खातों पर रोक लगा दी। खातों का संचालन बंद होने से ग्राम पंचायतों में सड़क या अन्य विकास कार्य नहीं कराया जा सकता। नाली, खडंजा, पंचायत भवन की मरम्मत या निर्माण कार्य नहीं हो सकता।
हैंडपंप व तालाब की छूट : खातों पर रोक पर ग्राम प्रधान संघ ने जिलाधिकारी से शिकायत की। इसका नतीजा यह हुआ कि जिलाधिकारी ने हैंडपंपों की मरम्मत व तालाबों में पानी भरने के लिए आने वाले व्यय की छूट प्रदान कर दी। ग्राम पंचायत के खाते से इसी दो कार्य के लिए ही धन अवमुक्त किया जा रहा है।
मनरेगा पर भी संकट : ग्राम प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष रामरंग यादव ने बताया कि मनरेगा योजना पर भी धन के संकट असर दिखाने लगा है। मनरेगा में छोटे-मोटे कार्य ही कराए जा रहे हैं।