नहीं आ पा रही न्यास कार्यशाला के काम में तेजी
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शीघ्र शुरू होने की घोषणाओं के विपरीत मंदिर निर्माण कार्यशाला
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शीघ्र शुरू होने की घोषणाओं के विपरीत मंदिर निर्माण कार्यशाला में तेजी नहीं आ पा रही है। दो माह पूर्व न्यास कार्यशाला में तराशी के लिए राजस्थान से दो ट्रक पत्थरों की नई खेप आने के साथ यह कयास लगाया जा रहा था कि न्यास कार्यशाला की गतिविधियां तीव्र होंगी। विहिप नेतृत्व ने भी यह संकेत दिया था। फिलहाल, न्यास कार्यशाला में पत्थर तराशी का काम कच्छप गति से आगे बढ़ रहा है। पत्थर तराशी के काम में गत छह वर्षों की तरह मात्र तीन कारीगर ही लगे हैं और पत्थरों के आने का क्रम भी थमा हुआ है। समीक्षकों की मानें तो विहिप के दावे कोरे हैं और मंदिर निर्माण की घोषणा महज माहौल को गर्म करने के लिए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख से लेकर मंदिर-मस्जिद विवाद की विधिक स्थितियों को देखते हुए यह दावा बेदम है कि अगले छह माह में मंदिर निर्माण शुरू किया जा सकता है। हालांकि न्यास कार्यशाला के प्रभारी अन्नू भाई सोमपुरा के अनुसार न्यास कार्यशाला की तैयारियां समुचित हैं और कार्यशाला में प्रस्तावित मानचित्र के अनुरूप मंदिर के लिए आधे से अधिक पत्थरों को तराशा जा चुका है। मंदिर निर्माण शुरू होने की सूरत में नियत स्थल पर तराशे गए पत्थरों को मंदिर के आकार में संयोजित करने में तकरीबन पांच वर्ष लग सकते हैं।