जैन शोधपीठ व कौशल संग्रहालय के कायाकल्प को पौन दो करोड़ का प्रस्ताव
फैजाबाद: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को एक करोड़ 80
फैजाबाद: डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को एक करोड़ 80 लाख के दो प्रस्ताव भेजे हैं। यदि इस पर इन संस्थाओं ने मुहर लगाई तो परिसर में स्थापित ऋषभदेव जैन शोध पीठ तथा कौशल संग्रहालय की सूरत बदल जाएगी। ऋषभदेव जैन शोध पीठ के विस्तार से जैन धर्म के प्रचार-प्रसार को बल मिलेगा वहीं कौशल संग्रहालय की क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। यहां पहली बार वीथिका की स्थापना भी हो सकेगी।
इस बारे में बीते दिनों इतिहास एवं पुरातत्व विभाग ने अलग-अलग दो प्रस्ताव बनाएं। जिसे विवि को प्रेषित किया गया। बाद में इसे क्रमश: प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय को भेजा गया। जैन शोध पीठ के लिए एक करोड़ तथा कौशल संग्रहालय के लिए 80 लाख रूपए का प्रारूप तैयार हुआ है। जैन शोध पीठ के अंतर्गत आधुनिकीकरण के माध्यम से शोध कार्य में अभिवृद्धि करना अहम लक्ष्य है। साथ ही इसके प्रथम तल के निर्माण, सेमिनार कक्ष के नवीनीकरण तथा यहां बने पुस्तकालय के विस्तारीकरण का मसौदा भेजा गया है। शोध कार्य में तेजी लाने तथा इसे गुणवत्तापरक बनाने के लिए पीठ को हाईटेक सुविधाओं से लैस किए जाने की तैयारी भी है। वहीं दूसरी ओर कौशल संग्रहालय की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव है। खास बात यह है कि यहां वीथिका का निर्माण कराया जाना है। इसके आधुनिक स्वरूप देने की कोशिश भी है। बता दे कि जैन शोध पीठ की स्थापना के पीछे सपा मुखिया मुलायम ¨सह का हाथ रहा। अगस्त 1996 में यहां कार्य शुरू हुआ। प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव की जन्म स्थली अयोध्या में है। इसलिए इसका महात्व खास है। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप ¨सह ने प्रस्ताव भेजने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव स्वीकृत होने से जैन शोध पीठ का कायाकल्प हो सकेगा। साथ ही यहां शोध कार्यो को बढ़ावा मिलेगा। इसमें सुविधाएं बढ़ाई जाएगी।