न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ लाखों की हेराफेरी का मुकदमा
तारुन (फैजाबाद): विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत गयासपुर में बिना कार्य कराए मनरेगा में लाखों की हे
तारुन (फैजाबाद): विकासखण्ड अन्तर्गत ग्राम पंचायत गयासपुर में बिना कार्य कराए मनरेगा में लाखों की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने पर खंड विकास अधिकारी ने ग्राम प्रधान के अलावा तीन पंचायत सचिव एवं वन रक्षक के विरुद्व धोखाधड़ी का मुकदमा थाने में दर्ज करवाया है। गांव निवासी बलिराम निषाद ने मनरेगा लोकपाल से सितम्बर 2014 में गांव में कराये गये विकास कार्यो में अनियमितता की शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर मनरेगा लोकपाल विपिन कुमार ¨सह ने विकास कार्यो के तकनीकी मूल्यांकन के आधार पर गांव सभा में आठ लाख 38 हजार 930 रुपये के शासकीय धन के दुरुपयोग का मामला उजागर हुआ था, जिसकी वसूली की कार्रवाई की जद में ग्राम प्रधान देशराज निषाद, तीन पंचायत सचिव सम्पूर्णानन्द तिवारी, चन्द्रिका प्रसाद चौबे व राजकुमार यादव, वन रक्षक रामसुन्दर शुक्ल आये थे। लोकपाल ने आवश्यक कार्रवाई के लिए अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी व प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को जनवरी माह में भेज दी थी। परन्तु मामला कुछ दिनों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। फरवरी माह से ही शासकीय धन की रिकवरी के लिए अधिकारियों द्वारा खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया। परन्तु कार्रवाई न होने पर शिकायतकर्ता न्यायालय की शरण में चला गया। उच्च न्यायालय ने मुख्य विकास अधिकारी को गबन के आरोपियों के विरुद्व एफआइआर दर्ज कराने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सीडीओ अरविन्द मल्लपा बंगारी ने पत्र भेज कर बीडीओ चन्द्रभान तिवारी को गबन के आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश जारी किया। तिवारी ने ग्राम प्रधान, पंचायत सचिवों व वनकर्मी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया है। खण्ड विकास अधिकारी चन्द्रभान तिवारी एवं थानाध्यक्ष केके गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है।