घाघरा में उफान, शुरू हुई कटान, ग्रामीणों में दहशत
रुदौली (फैजाबाद): घाघरा नदी एक बार फिर उफना गई है। घाघरा के उफनाने से ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीण
रुदौली (फैजाबाद): घाघरा नदी एक बार फिर उफना गई है। घाघरा के उफनाने से ग्रामीणों में दहशत है। ग्रामीण पलायन को मजबूर हो रहे हैं। कुछ ग्रामीणों ने रौनाही तटबंध पर आसरा लिया है। लेकिन कटान शुरू होने के बाद भी प्रशासन अंजान बना है। बाढ़ के नाम पर अभी तक केवल लेखपालों से निगरानी करने का कार्य ही प्रशासन द्वारा किया गया है। रुदौली तहसील के आधा दर्जन गांव घाघरा नदी के मुहाने पर आ गए है। सबसे अधिक विकराल स्थिति महंगू का पुरवा गांव की है। यहां पर घाघरा तेजी से कटान कर रही है। आबादी की तरफ बढ़ रही घाघरा को देखकर ग्रामीण सहम गए है।
ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार की सुबह से कटान तेज हुई है। अगर इसी गति से कटान होती रही तो दो तीन दिन में महंगू का पुरवा का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। महंगू का पुरवा के पास बने पीपे के पुल को भी हटा लिया गया है। मुजेहना, सलारपुर, अब्बूपुर, सराय नासिर आदि गांवों में खतरा बढ़ा है। यहां पर अभी तक बाढ़ पीड़ितों का कोई हालचाल लेने तक नहीं आया है।
रौनाही तटबंध पर बनी बाढ़ खण्ड की चौकी में अभी तक ताला लटक रहा है। महंगू का पुरवा गांव में चंदन यादव, अमरनाथ, परशुराम, अखण्ड प्रताप ¨सह, बब्बन ¨सह व फुलेराज यादव के घर कटान के मुहाने पर हैं। अखण्ड प्रताप ¨सह व फुलेराज बताते हैं कि हर वर्ष बाढ़ की विभीषका का दंश झेलना पड़ता है। प्रशासन से नाराज ग्रामीणों का कहना है कि कटान तेज होने के बावजूद कोई अफसर मौके तक नहीं पहुंचा है।
रौनाही तटबंध को खतरा रौनाही तटबंध पर खतरा व्याप्त है। कई स्थानों पर तटबंध में रिसाव शुरू हो गया है। रिसाव शुरू होने से लोग डरे हुए हैं। हालांकि बाढ़ कार्य खंड की ओर से बोल्डर डाले गए हैं। कुछ स्थानों पर बोरियां भी डाली गई हैं। लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है।
''जल स्तर बढ़ने की जानकारी नहीं है। राजस्व कर्मचारियों को स्थिति पर नजर रखने को निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन पूरी तरह सजग है।
अशोक वर्मा तहसीलदार रुदौली ''घाघरा खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है। शुक्रवार को नाप के अनुसार जलस्तर 92.76 सेंटीमीटर के सापेक्ष 91.74 सेंटीमीटर बताया जा रहा है।अशोक कुमार ¨सह एसडीएम रुदौली