निरापद नजर आ रही महंत ज्ञानदास की दावेदारी
अयोध्या: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद पर हनुमानगढ़ी से जुड़े शीर्ष महंत ज्ञानदास की दावेदारी निरापद नजर
अयोध्या: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद पर हनुमानगढ़ी से जुड़े शीर्ष महंत ज्ञानदास की दावेदारी निरापद नजर आ रही है। उनके हक में न केवल हाईकोर्ट का स्थगनादेश है बल्कि व्यवाहारिक तौर पर भी वे इस भूमिका में स्वीकृत हैं। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की ही भूमिका में गत दिनों महंत ज्ञानदास ने नासिक के पुलिस आयुक्त कुलवंत ¨सह सरंगल से रुष्ट होकर कुंभ के बहिष्कार की चेतावनी दी थी, इसका परिणाम हुआ कि महाराष्ट्र सरकार ने सरंगल का तबादला कर दिया और उनकी जगह एस जगन्नाथन पुलिस आयुक्त नियुक्त किए गए।
लाखों संतों एवं श्रद्धालुओं के आकर्षण का सबब बनने वाले कुंभ मेला के संपादन में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की अहम भूमिका होती है और अगस्त माह में नासिक कुंभ मेला की तैयारियों में लगा वहां का शासन-प्रशासन महंत ज्ञानदास से बराबर मार्गदर्शन ले रहा है। प्रशासन कुंभ मेला तैयारी के संदर्भ में दो बैठकें कर महंत ज्ञानदास का मार्गदर्शन प्राप्त कर चुका है, तीसरी बैठक के लिए उन्हें जून के प्रथम सप्ताह में नासिक आमंत्रित किया गया है।
कमजोर पड़ी नरेंद्र गिरि की दावेदारी
अयोध्या: गत माह अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद पर नरेंद्र गिरि के नाम की घोषणा साधु-संन्यासियों के बीच हलचल पैदा करने वाली रही। हालांकि शीघ्र ही उनकी दावेदारी कमजोर पड़ने लगी है। सर्वाधिक अहम ज्ञानदास के पक्ष में हाईकोर्ट का स्टे है, जिसमें महंत ज्ञानदास को ही नया चुनाव कराने का अधिकार दिया गया है। अदालती आदेश की अवमानना के लिए नरेंद्र गिरि को महंत ज्ञानदास के वकील की ओर से नोटिस भी जारी की जा चुकी है। निर्वाणी अनी अखाड़ा के राष्ट्रीय महासचिव महंत गौरीशंकरदास नरेंद्र गिरि की दावेदारी को अनर्गल बताते हैं और कहते हैं कि उन्होंने उन महंत ज्ञानदास को चुनौती देने का पाप किया, जिन्होंने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद की गौरव-गरिमा को प्रतिष्ठित किया।