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चांदी के कारोबार में खूब काट रहे चांदी

फैजाबाद: सोने-चांदी के कारोबार में कमाई का तगड़ा खेल है। इसमें शामिल सराफा व्यापारी रातों-रात माला

By Edited By: Published: Fri, 27 Mar 2015 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 27 Mar 2015 11:26 PM (IST)
चांदी के कारोबार में खूब काट रहे चांदी

फैजाबाद: सोने-चांदी के कारोबार में कमाई का तगड़ा खेल है। इसमें शामिल सराफा व्यापारी रातों-रात मालामाल हो रहे हैं। ठगे जा रहे हैं ग्राहक, जो गाढ़ी कमाई की रकम जेवरात खरीदने में खर्च कर रहे हैं। उन्हें नहीं मालूम कि सोने व चांदी के जिस जेवरात को वे खरीद रहे हैं, उसकी शुद्धता क्या है। वे तो शुद्धता के नाम पर बाजार भाव से उसे खरीदने को मजबूर हैं। बरामद चांदी के वसूले गए वाणिच्य कर व विभाग के अर्थदंड ने इस खेल से पर्दा उठा दिया। उससे पता चलता है कि सबसे चोखा कारोबार सराफा का है। चांदी के धंधे में मुनाफा सबसे ज्यादा 30 से 70 प्रतिशत तक है।

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शहर में सराफा का कारोबार करीब 50 करोड़ रुपये प्रतिमाह है। यानी कि सालाना पांच अरब का। इस टर्न ओवर की तस्दीक सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष विजय मेहता करते हैं। बात सराफा कारोबार की इसलिए हो रही है कि गुरुवार को पुलिस ने जो 29 किग्रा चांदी पकड़ कर वाणिज्य कर विभाग को सौंपी थी, वह परीक्षण में 48 टंच की निकली। यानी शुद्धता 48 प्रतिशत। मुनाफा 50 प्रतिशत से अधिक। सराफा सूत्रों का ही कहना है कि ग्राहकों से ही कुछ व्यवसायी फाइन सिल्ली चांदी से निर्मित जेवरात की कीमत वसूलते हैं। वहीं फैंसी चांदी के आभूषणों में यह मुनाफा 60 से 70 फीसद के करीब होता है। उसकी शुद्धता 30 से 40 प्रतिशत के बीच होती है। अंधाधुंध कमाई का मतलब यह नहीं कि सारे सराफा व्यवसायी इस खेल में शामिल हैं। जो शामिल हैं उनमें अधिकतर ग्रामीण व कस्बाई बाजार के होते हैं। सोने के जेवरात की बिक्री में भी खेल है। गिन्नी निर्मित सोने के जेवरात को 22 कैरेट सोना बताकर ग्राहकों से बाजार भाव की कीमत वसूली जाती हैं। सोने के जेवरात में मुनाफे की रकम 20 से 30 प्रतिशत के बीच बताई जाती है।


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