आस्था का वाहक बना प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
अयोध्या: जानकीघाट स्थित नवनिर्मित कनकमहल में भगवान कनकबिहारी की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव आस्था का
अयोध्या: जानकीघाट स्थित नवनिर्मित कनकमहल में भगवान कनकबिहारी की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव आस्था का वाहक बना हुआ है। 25 फरवरी से पांच मार्च तक प्रस्तावित महोत्सव रविवार को शिखर पर नजर आया।
मंदिर परिसर में संचालित राममहायज्ञ में आहुतियों का सिलसिला प्रात: से ही शुरू हुआ। ध्वनि विस्तारक यंत्रों से वैदिक मंत्रों की गूंज परंपरा का भव्य विवेचन कर रही थी। यज्ञ कुंड में आम श्रद्धालुओं के साथ पारंपरिक परिधान में संवरे वैदिक आचार्य मंत्रों के साथ लयबद्ध होकर नौ यज्ञ कुंडों में सुवासित आहुतियां डाल रहे थे। मध्याह्न तक यह सिलसिला थमा, तो हनुमान चालीसा के सामूहिक पारायण की अनुगूंज व्याप्त हुई। 251 आचार्य 25 फरवरी से ही सवा लाख हनुमान चालीसा के पारायण का संकल्प लेकर पाठ कर रहे हैं। इससे पूर्व एकादशी पर हजारों लोगों के फलाहार की पांत भी परंपरा की छटा में चार चांद लगाने वाली रही, तो आगंतुकों की आवभगत में महोत्सव के सूत्रधार टीलाद्वाराचार्य मंगलपीठाधीश्वर स्वामी माधवाचार्य एवं कनकमहल के महंत सीतारामदास महात्यागी बृजमोहनदास, जगदीशदास, परशुरामदास आदि महंतों के साथ स्वयं आगे आए।
सायं कालीन सत्र जाने-माने प्रवचनकर्ता मलूक पीठाधीश्वर संत राजेंद्रदेवाचार्य के नाम रहा। मंगलवार को रामानंद संप्रदाय में महत्वपूर्ण हैसियत वाले टीलाद्वाराचार्य का रजत तुला महोत्सव है। उन्हें दो बार चांदी से तौला जाएगा। इसके लिए उनके वजन के हिसाब से एक ¨क्वटल 80 किलो चांदी एकत्रित की गयी है। यह चांदी टीलाद्वाराचार्य की परंपरा के अनुवर्ती संतों के सहयोग से एकत्रित हुई है। महंत जगदीशदास ने बताया कि इस चांदी से प्राप्त होने वाले धन को बैंक में जमा कर दिया जाएगा और इसके ब्याज से टीलाद्वारे की प्रधान पीठ डाकोर में वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा।