..नाना नाना भांति सुमंगल साजे
अयोध्या: बीथीं सकल सुगंध सिंचाई/ गजमनि रचि बहु चौक पुराई/ नाना नाना भांति सुमंगल साजे/ हरषि नगर निस
अयोध्या: बीथीं सकल सुगंध सिंचाई/ गजमनि रचि बहु चौक पुराई/ नाना नाना भांति सुमंगल साजे/ हरषि नगर निसान बहुबाजे।
लंका विजय के बाद भगवान राम की वापसी पर उनके स्वागत में उमड़ी अयोध्या का चित्र कुछ यूं खींचा गया है। यह पंक्ति मौजूदा दीपावली के मौके पर भी साकार दिखी। सांझ ढलते ही दीपक जगमगा उठे और देखते-देखते संपूर्ण रामनगरी रोशनी से नहा उठी। मंदिरों में विराजमान भगवान राम के विग्रह का मनोयोग से श्रृंगार किया गया और पूरी हसरत से गर्भ गृह के पट खोले गए। घर में दीपावली के पूजन की रस्म निभाने के बाद यदि लोग घरों-मंदिरों की प्राचीर एवं मुंडेर पर दीपों की कतार सजाने में जुटे तो कुछ ने आराध्य की चौखट पर नत मस्तक हो अपनी दीपावली को सार्थकता दी।
ऐसे में घरों से लकर मंदिर तक दीपावली की रौनक से गुलजार रहे। कनकभवन, हनुमानगढ़ी, छोटी देवकाली आदि मंदिरों पर आस्था अर्पित करने वालों का तांता लगा रहा। मंदिरों के जगमोहन में दीपावली की महत्ता प्रतिपादित करते सत्संग एवं भजन की महफिल सजी। तो दीपों और बिजली के झालरों की लड़ी भी मंदिरों का उत्साह अभिव्यक्त करने वाले रहे।
इस बीच पटाखों की गूंज और आतिशबाजी भी रोशन रही। आम लोगों सहित साधु-संत भी आतिशबाजी का आनंद लेते नजर आए। तो कुछ ऐसे भी थे, जिन्हें मध्य रात्रि का इंतजार था, ताकि वे विशेष अनुष्ठान संपादित कर सकें। मंदिरों की नगरी में बाजार ने भी अपना दम दिखाया। उत्सव के आगोश में डूबे लोग खरीदारी में कोई कोताही नहीं कर रहे थे और मिष्ठान्न, पटाखे आदि के साथ धनतेरस से ही शुरू कीमती सामानों की खरीद-फरोख्त का सिलसिला दीपावली के मौके पर भी कायम रहा।
इनसेट
दीपावली की धमक में फैजाबाद भी पीछे नहीं
फैजाबाद: नवाबों की पुरानी राजधानी फैजाबाद भी दीपावली की धमक दिखाने में पीछे नहीं रही। पूजन, प्रकाश के साथ आतिशबाजी का भी जोर देखने को मिला। यदि शाम होते ही पूरा शहर रोशनी से झिलमिलाने लगा तो घंटों चली अंतहीन आतिशबाजी से उल्लास प्रवाहित होता रहा। घरों-मंदिरों के अलावा व्यवसायिक एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठान भी रोशनी में नहाए नजर आए।