राममंदिर निर्माण के लिए मिला जनादेश : गोविंदाचार्य
फैजाबाद : गत लोकसभा चुनाव के नतीजों को अयोध्या में राममंदिर निर्माण का जनादेश करार देते हुए राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक व विचारक गोविंदाचार्य ने मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार से बातचीत शुरू करने की अपील की है। उन्होंने विकासवाद को देश के लिए घातक बताते हुए इसे विकास का कठमुल्ला नजरिया करार दिया। वह डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कला संकाय के डीन प्रो. अजय प्रताप सिंह के आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर के निर्माण के लिए पहले वीपी सिंह, फिर चंद्रशेखर और अंतिम बार अटल सरकार में वार्ता आरंभ हुई थी, लेकिन किन्हीं कारणों से नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। अब जब सरकार को जनता से जनादेश मिला है तो मंदिर निर्माण के रास्ते तलाशने चाहिए। राम को राष्ट्र की पहचान बताते देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार को पहले छह माह से एक साल तक संवाद करना चाहिए और वार्ता विफल होने पर कानून बनाकर मंदिर का निर्माण करना चाहिए। इससे देश का स्वाभिमान बढ़ेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह अपने स्तर से भी वार्ता की टूटी कड़ियों को जोड़ने का प्रयास करेंगे और सरकार के प्रयास में वह भी योगदान देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि विकासवाद देश की तासीर का हिस्सा नहीं है। विकास में सिर्फ कारपोरेट को इंजन बनाने की कोशिश विकास का कठमुल्ला नजरिया है। यही नहीं स्मार्ट सिटी में भारतीयता का भी अंश नहीं है। उन्होंने कहा कि एफडीआइ व फारेन डायरेक्ट आउटफ्लो के अनुपात को सही करने की आवश्यकता है। देश में निवेश एक लाख करोड़ का हो रहा है, जबकि इसका छह गुना बाहर जा रहा है। इसलिए संसाधनों की लूट को कड़ाई से रोकना होगा। स्थितियों की उपेक्षा कर किया गया विकास देश के लिए घातक है। विकास में सबसे अंतिम आदमी की न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी हों, इसका ख्याल रखना होगा। युवाओं के बेहतर उपयोग के लिए उन्होंने इंटर की पढ़ाई के बाद छह माह की सैनिक और उसके उपरांत छह माह तक साफ-सफाई व सामाजिक तौर पर युवाओं को ट्रेनिंग देने की वकालत की। इससे पूर्व गोविंदाचार्य के यहां पहुंचने पर फूल मालाओं से उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर भारतीय शैक्षिक संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कुमार, कैप्टन सुभाष ओझा, चंट्टो बाबा, प्रो. एसके गर्ग, प्रो. आलोकमणि त्रिपाठी, प्रो. अजय प्रताप सिंह, डॉ. विनोद श्रीवास्तव, डॉ. आरके सिंह, डॉ. प्रदीप सिंह, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, दीपक सिंह, शक्ति सिंह, वीरभानु प्रताप सिंह, प्रीतिपाल सिंह पाली, ओम प्रकाश सिंह, सुधीर द्विवेदी, धर्मेद्र प्रताप सिंह टिल्लू, दिवाकर सिंह, डॉ. आदित्य प्रकाश सिंह, रोहित पांडेय समेत अन्य थे।