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अबूझ पहेली बना विशेश्वर का प्राइवेट मोबाइल

By Edited By: Published: Sat, 30 Aug 2014 12:15 AM (IST)Updated: Sat, 30 Aug 2014 12:15 AM (IST)
अबूझ पहेली बना विशेश्वर का प्राइवेट मोबाइल

फैजाबाद : अंडर व‌र्ल्ड डान छोटा राजन का शूटर विशेश्वर मिश्र के पास एक प्राइवेट मोबाइल भी था। यह मोबाइल पुलिस के लिए अबूझ पहेली बन गया है। पुलिस मोबाइल के बारे में बारीकी से छानबीन कर रही है। माना यह जा रहा है कि नेशनल हाइवे पर स्थित जिस ढाबे से उसकी गिरफ्तारी हुई, उस ढाबे तक उसका प्राइवेट मोबाइल उसके साथ था। इसके बाद उक्त मोबाइल का कहीं पता नहीं चल सका है। पुलिस इस प्राइवेट मोबाइल की तलाश में तेजी से जुटी है। अगर यह मोबाइल पुलिस के हाथ किसी तरह लग जाता है तो उससे अंडरव‌र्ल्ड डान से जुड़े स्थानीय लोगों के बारे में पता करना आसान होगा। उल्लेखनीय है कि अंडरव‌र्ल्ड डान छोटा राजन के खास गुर्गो में शामिल विशेश्वर मिश्र को पटरंगा पुलिस ने नेशनल हाइवे पर एक ढाबे से बीती एक अगस्त को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उससे कई बार पुलिस ने घंटों पूछताछ की। लेकिन अयोध्या जाने का मकसद और पटरंगा इलाके में ढाबे पर रुकने का राज पुलिस नहीं कबुलवा पाई। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी शार्प शूटर ने कुछ भी नहीं उगला। उसकी यहां पर गिरफ्तारी होने से सुरक्षा तंत्र के कान खड़े हो गए थे। पुलिस उसका लंबा अपराधिक रिकार्ड जानने में भले ही सफल रही हो पर यहां पर उसके आने व रुदौली से छोटा राजन के तार जुड़े होने के सबूत नहीं जुटा पाई। पुलिस ने उसके कस्टडी रिमांड के लिए अर्जी भी दाखिल की लेकिन रिमांड मंजूर नहीं हो सकी। उधर गुजरात पुलिस की रिमांड मंजूर हो गई। इतना ही नहीं पटरंगा पुलिस मंडल कारागार में निरुद्ध रहे विशेश्वर मिश्र से जेल में पूछताछ करने गई। पर वहां पर उसने बीमारी का बहाना बता कर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था। पुलिस के सामने अब राज उगलवाने की चुनौती है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि उसका प्राइवेट मोबाइल ढाबे तक उसके साथ था। लेकिन गिरफ्तारी के समय मोबाइल नहीं मिला था। पुलिस ने उसके पास से पिस्टल व एक इंटरनेशनल मोबाइल व सिम बरामद करने का दावा किया था। हालांकि पुलिस उससे मिली जानकारी के आधार पर अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। पर उसको एक माह बाद भी कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। रुदौली में हवाला कारोबार फैले होने की सूचना से भी पुलिस प्रशासन चौकन्ना है। वह ऐसे लोगों तक पहुंचने के लिए विशेश्वर का सहारा लेना ही होगा।

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