सैनिकों की बहादुर पत्नियों का संदेश, हम तस्वीरों से बात करेंगे, तुम सरहद संभालो
करवा चौथ के लिए सरहद से न आने की मजबूरी के संदेश आ रहे हैं। सुहागनों ने भी कह दिया है हम तस्वीरों से बात करेंगे, तुम देश की सरहद संभालो। देश से बढ़कर कुछ भी नहीं।
एटा [अनिल गुप्ता] । चांद निकलेगा, सुहागन सजेंगी। फिर अपने चांद का दीदार होगा। साथ में होगी सुहाग की लंबी आयु की कामना। इन्हीं सुहागनों में कुछ ऐसी होंगी जिनका 'चांद' हथेली पर जान लेकर सरहद की रखवाली कर रहा होगा। करवा चौथ के लिए सरहद से न आने की मजबूरी के संदेश आ रहे हैं। सुहागनों ने भी कह दिया है हम तस्वीरों से बात करेंगे, तुम देश की सरहद संभालो। देश से बढ़कर कुछ भी नहीं।
100 साल बाद करवाचौथ का महासंयोग, जो इसे बना रहे है दिव्य और चमत्कारी
उड़ी हमले के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सरहद पर तनाव मंडरा रहा है। जवानों की छुट्टियां रद की जा चुकी हैं। जिन घरों में करवा चौथ मनाने का इंतजार हो रहा था, वहां संदेश आ चुका है कि इस बार वे नहीं आ सकते। संदेश से कुछ देर तो मायूसी हुई, परंतु अब फौजियों के घरों में यह बोल हैं कि पहले देश है।
शहर किनारे स्थित नगला केवल में रहने वाले बीएसएफ के जवान वीरेंद्र की पत्नी मंजू बताती हैं कि पति को पहली करवा चौथ पर नौशेरा बॉर्डर से लौटना था। सरहद पर तनाव बढऩे के बाद 15 दिन तो उनसे बात नहीं हो पाई थी। अब बात हुई, तो उन्होंने कहा कि छुट्टियां रद हैं। अब इंतजार न करें। मंजू कहती हैं कि देश सेवा पहले है। मैंने कह दिया कि फोटो देखकर चंद्रमा को अघ्र्य दूंगी, आप चिंता मत करना।
करवाचौथ पर अवकाश से भड़का संगठन; सीएम को साड़ी, सिंदूर और चूड़ी की पोस्ट
वहीं बागवाला क्षेत्र के गांव जमलापुर में रहने वालीं सुषमा की यह तीसरी करवा चौथ है। नियंत्रण रेखा पर पोस्ट की जिम्मेवारी संभाल रहे पति किशनवीर एक साल से छुट्टी पर नहीं आए हैं। सुषमा बतातीं हैं उन्होंने दस दिन पहले ही उनसे बात की थी। उन्होंने बताया कि वे नहीं आ सकते। मैं तस्वीर देख करवा चौथ मना लूंगी। ड्यूटी तो ड्यूटी है। सरहद पर तैनात जैथरा के महाराजपुर निवासी राजकुमार की पत्नी विनीता की देश के प्रति सोच भी कुछ इसी तरह की ही है।
बस फोन पर ही हो जाए बात
सुनहरी नगर में रहने वाली नीलिमा के पति हरनाम भारत-पाक सीमा पर ऐसी जगह तैनात हैं, जहां फोन से बात भी नहीं हो पाती। नीलू बताती हैं कि पति ने अवकाश के लिए अर्जी दे रखी थी, मगर 15 दिन पहले सभी के अवकाश रद कर दिए गए। उनका मैसेज आया कि सीमा पर हालात ठीक नहीं। आए दिन फायङ्क्षरग हो रही है, इसलिए मैं नहीं आ सकता। वे कहती हैं कि उनके पति जब एलओसी पोस्ट से नीचे आते हैं तब ही फोन के सिग्नल मिलते हैं। उनकी ड्यूटी देश की जिम्मेवारी है। बस यह इच्छा है कि फोन पर ही बात हो जाए।