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चुनाव बहिष्कार के अरमानों पर फिर गया पानी

संवाद सहयोगी चकरनगर : 19 फरवरी को हुए विधान सभा चुनाव में भरथना विधान सभा के चकरनगर विकास खंड के दो

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 01:01 AM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 01:01 AM (IST)
चुनाव बहिष्कार के अरमानों पर फिर गया पानी
चुनाव बहिष्कार के अरमानों पर फिर गया पानी

संवाद सहयोगी चकरनगर : 19 फरवरी को हुए विधान सभा चुनाव में भरथना विधान सभा के चकरनगर विकास खंड के दो गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करने का एलान किया था लेकिन अधिकारियों की घुड़की के आगे इन गांवों के ग्राम प्रधानों ने दबाव में आकर मतदान तो करा लिया ¨कतु विकास कार्य का मुद्दा एक बार फिर पीछे रह गया। इससे पूर्व भी चुनाव में ऐसे ही जबरिया मतदान कराया गया था।

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विकास खंड चकरनगर का एक गांव कायंछी ऐसा है, जिसे अंग्रेजी हुकूमत भी नहीं खोज पाई थी। लेकिन कहीं इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह भी है कि आजादी के 70 वर्ष बीत चुके हैं। इस दौरान कई पार्टियों की सरकारें बनीं और चलीं भी गईं ¨कतु उक्त गांव का एक छोटा सा सड़कमार्ग किसी ने भी बनाने की जहमत नहीं उठाई। जिससे भी बात की गई वह चंबल सेंचुरी के अड़ंगे की बात कहकर मामले को टालता रहा। लेकिन सोचने वाली बात है कि जब सेंचुरी क्षेत्र में नदियों पर पुल बनाने के लिये परमीशन मिल सकती है तो एक छोटे से तीन किमी रास्ते के लिये परमीशन लेना कोई बड़ी बात नहीं है। वहीं बताते चलें कि जब भी यमुना नदी उफान पर होती है तो गांव चारों तरफ पानी से घिर जाता है। यही नहीं बरसात के समय में भी उक्त गांव से निकलना काफी मुश्किल हो जाता है। जब भी गांव में कोई व्यक्ति बरसात के समय में बीमार हो जाता है तो उसे वाहन से नहीं बल्कि चारपाई के जरिये लोगों की मदद से मुख्यमार्ग तक लाया जाता है।

19 फरवरी को उक्त गांव के बूथ पर 11 बजे तक एक भी वोट नहीं पड़ा तो प्रशासनिक अधिकारियों के हाथपांव फूल गये थे। फिर क्या था एसडीएम चकरनगर मोहम्मद कमर, पुलिस क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार के साथ उक्त बूथ पर पहुंचे और पहले लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण सड़कमार्ग बनने पर ही अपना मतदान करने की जिद पर अड़े रहे। उसके बाद अधिकारियों ने अपने तेवर दिखाए और लोग मतदान करने लगे।

दूसरे गांव तेलियन खोड़न के ग्रामीणों ने भी चुनाव बहिष्कार का मन बनाया था। लेकिन उन्हें ग्राम प्रधान सहित अन्य लोगों ने चुनाव से पहले ही मतदान के लिये तैयार कर दिया था। लेकिन बता दें कि उपरोक्त गांव से इस गांव की सभी समस्याएं मिलती जुलती ही हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि कायंछी गांव सेंचुरी क्षेत्र में यमुना नदी और तेलियन खोड़न सामाजिक वानिगी क्षेत्र में क्वारी नदी के किनारे बसा है।


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