अब त्रुटिपूर्ण पुस्तकें बनीं बच्चों के लिए सिरदर्द
संवादसूत्र, बकेवर : आधा सत्र बीतने के बाद परिषदीय विद्यालय के बच्चों को किताबें वितरित कर उनक
संवादसूत्र, बकेवर : आधा सत्र बीतने के बाद परिषदीय विद्यालय के बच्चों को किताबें वितरित कर उनकी पढ़ाई शुरू कर दी गई है। लेकिन पुस्तक में 26 की जगह 31 अक्षरों को गुरुजन पढ़ा रहे हैं। किताबों में एक नहीं, कई गलतियां की गईं जिससे नन्हें बच्चों की शुरुआती शिक्षा ही कटघरे में खड़ी हो गई है। इतना ही नहीं, कक्षा तीन का विषय कक्षा एक में डाल दिया गया और शब्दों के क्रम में भी गड़बड़ किया गया है।
बड़ी मशक्कत के बाद महेवा विकास खंड के परिषदीय स्कूलों के बच्चों को किताबें मिली हैं वह भी आधा सत्र बीतने के बाद। लेकिन किताबों में इतनी गलतियां हैं जिन्हें पढ़कर बच्चों का अक्षर ज्ञान कहां पहुंचेगा इस पर न प्रकाशक ने, न ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ध्यान दिया। अब गलतियों से भरमार पुस्तकों के सहारे बच्चे की शुरुआती शिक्षा जारी है। गुरुजन भी उन्हीं किताबों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में बच्चों के अक्षर ज्ञान सीखना यानि उनकी नींव में ही मट्ठा डालना है।
हम शुरुआत करते हैं कक्षा एक में चलने वाली पुस्तक कलरव का। इसे इसी सत्र में बच्चों को उपलब्ध कराया गया है। इस पुस्तक के पेज नंबर 103 पर अंग्रेजी की 26 वर्णमाला की जगह 31 वर्णमाला लिखी है। इसमें लिखा है आई विल टीच यू एबीसी, इसमें ए से लेकर पी तक की वर्णमाला ठीक है, इसके बाद क्यू अक्षर आना चाहिए लेकिन एल एम एन ओ पी वर्णमाला का दोहराव किया गया है।
इसके बाद क्यू से जेड तक के अक्षर लिखे गए हैं। यानि 26 की जगह 31 अक्षर दिए गए हैं। इसी पुस्तक में पेज 100 व 101 में भी वही गलती दोहराई गई है। इसमें वर्णमाला के सामने वस्तुओं को दिखाया गया है जिसका क्रम क्यू आर एस टी के बाद एम एन ओ पी वर्णमाला लिखी गई है। यानि सब कुछ उलटा दिया गया है। इसी पुस्तक में राइम्स टू भी कक्षा तीन का विषय कक्षा एक की किताब में शामिल किया गया है। इसी तरह लेसन दो पेज 97 में भी गलतियों को दोहराया गया है।
एबीसी राइम्स कक्षा तीन में है उसी को कक्षा एक की कलरव के पेज 104 पर दिया गया है। यानि कक्षा एक में अक्षर ज्ञान प्राप्त करने वाले बच्चों को सीधे शब्दों का ज्ञान देने की गलती की गई है। पेज 98 व 99 में भी भारी गलतियां की गई हैं जिन्हें बाल मन पर दबाव डाल कर पढ़ाया जा रहा है। ये कलरव पुस्तक वर्ष 2017-18 की है जिसे अभी जल्दी ही बच्चों को वितरित किया गया है।
इस संबंध में आदर्श शिक्षक संजय त्रिपाठी प्रधानाध्यापक दाउदपुर बताते हैं कि कलरव पुस्तक कक्षा एक में जो चलती है। वह बच्चों की पढ़ाई की नींव है। यदि इन पुस्तकों में गलतियां होती हैं। तो बच्चों के मन पर इसका गलत असर पड़ेगा। इस पुस्तक को वापस करके प्रकाशक से दूसरी पुस्तक मंगवानी चाहिए। उन्होंने इस त्रुटि के लिए पुस्तक के लेखन एवं संपादन में शामिल लोगों के लिए दोषी ठहराया।
इस संबंध में बीएसए ओपी ¨सह ने कहा कि अगर पुस्तकें त्रुटिपूर्ण हैं तो प्रकाशक के विरुद्ध कटौती का प्रस्ताव किया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों को बच्चों को सही पुस्तक पढ़ाने के लिए कहा।