महंगाई से फूल बने 'शूल', नेताजी स्वागत गए भूल
इटावा, कार्यालय प्रतिनिधि : गेंदा फूल एक बार फिर आमजन से दूर हो गया है। गरमी का चरमोत्कर्ष पहले ही फूलों के लिए काल बना था अब सहालग और बढ़ी खपत ने गेंदा फूल के रेट बढ़ा दिए हैं। वहीं निकाय चुनावों ने हालात और बिगाड़ दिए। फूल मंडी में गेंदा आ नहीं आ रहा और गुलाब महंगा है। बिना सुगंध का सूरजमुखी फूल 10 रुपये किलो के रेट पर उपलब्ध है लेकिन उसको ज्यादा पसंद नहीं किया जा रहा है। गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए तैयार की गयी गुलाब के फूलों की माला पर 800 रुपये की लागत आयी थी।
गली-गली जनसंपर्क में जुटे नेताजी भी गले में पड़ने वाली मालाओं की कम संख्या से परेशां हैं। उन्हें लग रहा है कि समर्थकों की संख्या घट रही है जबकि इसका एक कारण बाजार में गेंदा फूल न आना और गुलाब के फूल के भाव में उछाल है।
भाजपा के युवा नेता विकास भदौरिया कहते हैं कि जनसंपर्क अभियान पर निकलने के दौरान स्वागत में फूल मालाओं की कमी साफ नजर आ रही है। पहले प्रत्याशी समर्थक को भी मालाएं पहना दी जाती थीं। अब तो मालाओं से स्वागत प्रत्याशी तक ही सीमित रह गया है। हालांकि प्रत्याशी के साथ चलने वाले वरिष्ठ नेताओं को गुलाब की मालाएं पहना दी जाती हैं लेकिन पिछले चुनाव की तुलना में मालाओं से स्वागत कम ही हो रहा है। दरअसल फूल मंडी में गेंदा आ नहीं रहा, गुलाब की छोटी साधारण माला भी 20 रुपये की मिलती है जबकि वही माला सहालग से पहले 10-15 रुपये की मिल जाती थी। फूलों पर छायी महंगाई का इलाज भी कार्यकर्ताओं ने निकाल लिया है। चुनाव प्रचार के दौरान कुछ स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने पार्टी के ध्वज की पट्टियां ही गले में डालकर स्वागत की औपचारिकता निभाई।
साबितगंज फूल मंडी में फूलों की फड़ सजाये बैठे जहीर के अनुसार इटावा जनपद में गेंदा और गुलाब के फूलों का उत्पादन सिर्फ पूजा लायक हो पाता है। सहालग और विशेष आयोजनों के लिए फूल डिमांड मुताबिक कानपुर फूल मंडी से आता है। 24,26,27,28 जून को बड़ी सहालग है, इस नाते इन तिथियों पर गेंदा की अत्यधिक डिमांड रहेगी। तब खपत अनुसार गेंदा मंगाया जायेगा। गर्मियों में गेंदा की आवक दस फीसदी रह जाती है। हालांकि इस समय मांग कमजोर रहती है। इसलिए गेंदा का भाव सहालग और निकाय चुनाव के मद्देनजर 15-20 रुपये से बढ़कर 25 रुपये किलो पहुंच गया। सर्दियों में गेंदा का उत्पादन बढ़ जाता है तो उसी अनुसार खपत भी खासी रहती है।
बाहर से आता फूल
नगर में साबितगंज चौराहा के आसपास फूल मंडी के तौर पर 20 फड़ लगते हैं। माली-फूल विक्रेताओं की फूल के मामले में कानपुर फूल मंडी पर निर्भरता है। ज्यादा मांग पर आगरा से भी फूल मंगाया जाता है। आगरा जनपद में आने वाले फतेहाबाद, शमशाबाद, तौरा, सैंया, नॉमील, कछपुरा, खंदौली, विचपुरी, किरावली आदि में गेंदे की खासी पैदावार होती है।
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