जनता घटतौली से परेशान विभाग सोया चादर तान
जागरण संवाददाता, इटावा : जिले में घटतौली का बाजार चरम पर फल फूल रहा है। शासन द्वारा स्थापित विधिक मा
जागरण संवाददाता, इटावा : जिले में घटतौली का बाजार चरम पर फल फूल रहा है। शासन द्वारा स्थापित विधिक माप विज्ञान विभाग की लापरवाही से पेट्रोल पंप सहित बाजार में बिकने वाली खुदरा खाद्य वस्तुएं भी घटतौली की शिकार हो रहीं हैं। व्यापारिक स्पर्धा के चलते घटतौली का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। विभाग द्वारा कर्मचारियों की कमी का वास्ता देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा जा रहा है।
इस समय जिले में तकरीबन पांच दर्जन से अधिक पेट्रोल पंप संचालित हैं। जिनकी समय-समय पर विभाग द्वारा जांच कराने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन तकरीबन एक साल बीत गया विभाग द्वारा एक भी पेट्रोल पंप की जांच नहीं की गई। जबकि घटतौली की शिकायतें यदाकदा आती रहीं, कई जानकार लोगों का मानना है कि कुछ पेट्रोल पंप संचालक अपनी मशीनों में चिप लगवा लेते हैं, जिसकी जानकारी उपभोक्ता को नहीं हो पाती है और वह आसानी से घटतौली का शिकार होता रहता है।
बाजार में भी घटतौली का कब्जा :
चौगुर्जी निवासी रामानंद शर्मा बाजार से 2 किलो अनार लेकर आए। घर आकर देखा तो 1 किलो 700 ग्राम ही निकले। अशोक नगर निवासी जितेन्द्र ¨सह चौहान पक्की सराय से एक हाथ ठेला से डेढ़ किलो अंगूर लेकर आएं अपनी दुकान पर तौला तो सवा किलो ही निकले। इस तरह की घटनाएं आम हो रहीं हैं यह तो उदाहरण मात्र है।
बिना मुहर लगे बांट व मशीनें हैं संचालित : शहर में संचालित अनेक व्यापारियों के कांटा बांट व मशीनें बिना मुहर के ही संचालित हैं। मुहर लगाने के लिए निजी क्षेत्र के लोगों को लाइसेंस दिए जाते हैं। बिना मुहर के बांट व मशीनें भी घटतौली को बढ़ावा देने वाली होती हैं।
विभाग के पास जांच का माध्यम : विधिक माप विज्ञान विभाग द्वारा घटतौली की जांच के कोई आधुनिक साधन नहीं हैं। 5 लीटर के माप उपकरण से ही नाप करते हैं। 20 एमएल कम या 20 एमएल अधिक होने को आधार मान कर तौल को सही ठहरा देते हैं।
पेट्रोल मशीन में चिप से अंजान हैं अधिकारी : विधिक माप विज्ञान विभाग के प्रभारी अधिकारी एचके बंसल ने बताया कि सी¨लग सिस्टम में चिप लगाई नहीं जा सकती है। संबंधित मशीन के निर्माता इंजीनियर ही चिप लगा सकते हैं। जिसका पता लगाया जाना संभव नहीं है।
जिम्मेदार बोले : पेट्रोल पंपों पर लगी मशीनों की जांच प्रति नोजिल की दर से की जाती है। एक नोजिल की जांच का 1500 रुपया चार्ज किया जाता है। विभाग सीमित संसाधनों से कार्य कर रहा है। आधुनिक संसाधन व स्टाफ की कमी बनी हुई है। निरीक्षक को हर महीने 20 जांच करने की अनिवार्यता की गई है। घटतौली के खिलाफ अब योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया जाएगा।
- एचके बंसल, प्रभारी अधिकारी विधिक माप विज्ञान विभाग